MP Sunil Mendhe
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भंडारा (का). राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 43 मोटर चालकों द्वारा शुरू किया गया आंदोलन  सांसद सुनील मेंढे की मध्यस्थता से समाप्त हुआ. अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 43 मोटर चालक  वेतन वृद्धि,  बोनस,  हेल्थ कार्ड और अन्य मांगों को लेकर जिला परिषद के सामने 24 नवंबर से आंदोलन  कर रहे थे.

भंडारा जिले में वर्ष  2007  से विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 43 चालक एंबुलेंस पर  अनुबंध पर काम कर रहे हैं.  इन ड्राइवरों  को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत लिया गया था. शुरू में जननी सुरक्षा योजना के तहत वेतन भुगतान किया गया,  लेकिन कुछ समय बाद ड्राइवरों को एक निजी कंपनी के माध्यम से काम पर रखा  जाने लगा है. फिलहाल वर्ष 2018 से आशु कॉम मीडिया इंडिया लिमिटेड को अनुबंध  दिया गया है, लेकिन अनियमित वेतन मिलने से वाहन चालकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. पिछले 2 साल से वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गयी है.

दिवाली के दौरान बोनस  नहीं मिलने से भी वाहन चालक नाराज हैं. इसके अलावा काम की जिम्मेदारी एवं व्यस्तता को देखते हुए वाहन चालक  सरकारी आवास की मांग  कर रहे हैं. इसके अलावा  ड्राइवर की मृत्यु के मामले में परिवारों को वित्तीय सहायता और कोरोना अवधि में सेवा देने वाले ड्राइवरों को प्रोत्साहन भत्ता की मांग को लेकर 24 नवंबर से जिला परिषद के सामने अनशन आंदोलन शुरू किया गया था.

सांसद ने दिखाई संवेदनशीलता

जैसे ही  सांसद सुनील मेंढे को आंदोलन का पता चला. वे अनशन मंडप पहुंचे. उन्होने  प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा की. आंदोलनकारियों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की. सांसद मेंढे ने वाहनचालकों की सेवा की सराहना की एवं कहा कि उनकी मांगों की समाधान के लिए वे प्राथमिकता के आधार पर काम करेंगे.  इस अवसर पर पार्षद रूबी चड्ढा, भाजपा व्यापारी आघाड़ी जिलाध्यक्ष  मयूर बिसेन, मिलिंद मदनकर, शैलेश मैश्राम और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. चर्चा के दौरान सांसद सुनील मेंढे ने अशु कॉम मीडिया इंडिया लिमिटेड के मुख्य अभियंता मकरंद करंजेकर को भी  अनशन स्थल पर बुलाया. प्रदर्शनकारियों की मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई.

9 दिसंबर तक होंगी मांगें पूरी

संबंधित अनुबंध कंपनी द्वारा वाहनचालकों की मांगें 9 दिसंबर तक पूरा करने का आश्वासन दिया गया है. कंपनी द्वारा प्राप्त आश्वासन एवं सांसद मेंढे के समर्थन के पश्चात अनशन  आंदोलन वापस लेने का निर्णय  लिया गया. इसके पश्चात सांसद सुनील मेंढे के हाथों  नारियल पानी देकर भूख हड़ताल समाप्त की गई.