डिमांड रहे तो प्रतिदिन चलेगी और स्टॉपेज टाइम भी बढेगा

  • किसान एवं व्यापारियों से मिले रेल अधिकारी

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– विजय खंडेरा

भंडारा. सब्जी, अनाज की शीघ्र एवं सुरक्षित ढुलाई करने की दृष्टि से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा छिंदवाडा से हावडा तक किसान रेल के सफल संचालन के लिए अपेक्षाएं एवं सुझाव जानने के लिए रेलवे नागपुर विभागीय कार्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किसान एवं स्थानीय व्यापारियों की भंडारा में आयोजित बैठक सफल साबित हुई. सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक जितेंद्र तिवारी ने कहा कि किसान रेल का प्रयोग सफल रहता है, गाडी प्रतिदिन चलेगी. ज्यादा माल बुकिंग मिलने पर स्टापेज समय भी बढेगा. इस बैठक में स्थानीय पितल कारोबारियों की लंबे समय से प्रलंबित मांग पूरी करते हुए कहा गया कि भंडारा रोड स्टेशन से अहमदाबाद पुरी एवं कोविड ट्रेन में माल लादने सुविधा दी जाएगी. रेलवे अधिकारियों के सकारात्मक रवैए एवं बैठक की सफलता से स्थानीय किसान एवं मेटल व्यापारियों में हर्ष है. 

उल्लेखनीय है कि पूर्व में किसान रेल 25 नवंबर से शुरू होनी थी. भंडारा रोड में स्टापेज नहीं होने का मामला नवभारत ने उठाया था. जिसके पश्चात रेलवे विभाग ने स्टापेज प्रदान किया एवं किसान व व्यापारियों के साथ बैठक की इच्छा जताई थी. इसी सकारात्मक घटनाक्रम के पश्चात शनिवार को बीटीबी सब्जीमंडी में बैठक का आयोजन किया गया.

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नागपुर से रेलवे सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक जितेंद्र तिवारी, वाणिज्यिक निरीक्षक अभय गणवीर, शैलेंद्र सिंग एवं भंडारा रोड में वाणिज्यिक निरीक्षक नितिन पाटिल, सीसीसी ए. गणेशन आदि भंडारा पहुंचे. बीटीबी सब्जी मंडी में किसान एवं व्यापारियों को संबोधित करते हुए जितेंद्र तिवारी ने बताया कि किसान की अपेक्षा एवं आवश्यक्ताओं का पूरा ध्यान रखकर ही 230 टन क्षमता की किसान रेल संचालन किया जाएगा. माल का नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाएगा. मंच पर रेल अधिकारियों के अलावा बीटीबी अध्यक्ष बंडू बारापात्रे, पितल उद्योजक लवकुमार सिंग आदि उपस्थित थे.

सिस्टम बदल चुका है

अधिकारियों ने बताया कि रेलवे में सिस्टम बदल चुका है. आरपीएफ एवं सीसीटीव्ही की फुलफ्रुफ व्यवस्था में लापरवाही गुंजाईश नहीं के बराबर है. किसानों को केवल रेलवे परिसर तक माल पहुंचाना है, बाकि जिम्मेदारी रेलवे की होगी. ट्रेन में चढाने एवं उतारने की जिम्मेदार रेलवे की होगी. पैसेंजर स्लैब की तुलना में भाडा आधा रखा गया है. किसानों ने माल के खराब एवं चोरी होने का मुद्दा उठाया, तब आश्वासन मिला कि इस स्थिति में क्लेम दिया जाएगा.

हर दिन चलाने का वादा

किसानों की दृष्टि से सप्ताह में एक दिन गाडी उपयोगी नहीं रहेगी. इस पर जवाब मिला कि हर दिन अगर आवश्यक लोडिंग मिलता है, गाडी हर दिन चलेगी. ज्यादा मात्रा में माल होने की स्थिति में अतिरिक्त बोगी भेजी जाएगी. क्या 10 मिनट के स्टापेज में माल लादना संभव होगा, इस सवाल पर अधिकारियों ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार स्टापेज समय भी बढेगा.

स्पेशल बोगी बनायी

सब्जीयां जल्दी खराब होती है, इस वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए बोगियों को डिजाईन किया गया है. जो ट्रक की तुलना में कई गुना बेहतर है. ऊबड़खाबड़ सड़कों से ट्रक गुजरने पर झटकों से माल की हानी होती है, यह हानी किसान रेल में नहीं होगी.

समय और भाडा कम

वर्तमान में सडक मार्ग से कोलकाता माल भेजने के लिए 30 घंटे लगते है. जबकि रेल मार्ग में से यह समय केवल 20 घंटे का होगा. किसान रेल से उन छोटे किसानों की सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा जो केवल 1 से ढाई टन माल बाहर भेजना चाहते है. उनकी पैसे एवं समय की बचत हो सकेगी.

पुरी-अहमदाबाद एवं कोविड ट्रेन में चढेगा :मेटल व्यापारियों में हर्ष

भंडारा के पितल धातु व्यापारियों को कोलकाता एवं पुरी रूट पर अपना माल भेजने के लिए क्रमश: गोंदिया एवं दुर्ग पर निर्भर रहना पडता है. नरेश मल्होत्रा, लवकुमार सिंग, बंटी अग्रवाल एवं व्यापारियों ने भंडारा रोड स्टेशन पर सुविधा प्रदान करने की मांग की. इस मांग पर सकारात्मकता दिखाते हुए भंडारा रोड स्टेशन में नागपुर से कोलकता मार्ग पर माल भेजने के लिए कोविड ट्रेन एवं पुरी रूट के लिए पुरी-अहमदाबाद ट्रेन में व्यवस्था करने का आश्वासन दिया. लंबे समय से प्रलंबित मांग के पूरा होने से स्थानीय पितल कारोबारियों में हर्ष है.

इतिहास में पहली बार हुई सीधी बैठक

किसान रेल को भंडारा रोड स्टापेज देने की मांग पर रेलवे ने शीघ्र सकारात्मक प्रतिसाद दिया, साध ही किसानों एवं व्यापारियों से साथ बैठक के लिए अपनी टीम भेजी. किसान एवं व्यापारियों ने प्रतिक्रिया दी कि भंडारा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि रेल अधिकारियों ने अपनी ओर से बातचीत की पहल की है. भंडारा रोड स्टेशन से मेटल की डाक लादने की प्रलंबित मांग भी शीघ्रता से पूरा होने के विश्वास से पितल कारोबारी भी खुश है.

सभी ने रखी अपनी बात

इस बैठक में उपस्थित सभी किसान एवं मेटल उद्योजक एवं व्यापारियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए. इनमें अतुल मानकर, प्रदीप दीवे, सुधीर धकाते, किरण भेदे, मंगेश राऊत, धनराज नागरीकर, बालकृष्ण मंदूरकर, दीपक पराते, सुकराम अतकरी, क्रिष्णा उपरीकर, महेंद्र मेंढे, सुगत शेंडे, सैय्यद सौबीन, रवी राऊत एवं अन्य उपस्थित थे.