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    • गांव में लग जाती हैं कतारें

    भंडारा. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में एक नया प्रचलन देखा जा रहा है. जिसमें डीजल के टैँकर एवं टाटा एस वाहन के द्वारा बड़ी मात्रा में डीजल लाकर अवैध तरीके से बेचा जा रहा है. इस पूरे मामले पर प्रशासन की अनदेखी आश्चर्यजनक है. क्या कोई हादसा होने के बाद ही प्रशासन जागेगा? यह सवाल ग्रामीण कर रहे हैं.  

    टैंकरों व अन्य वाहनों में डीजल भरकर अवैध बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है, लेकिन हैरानी की बात है कि अगर कोई किसान खेत की जुताई करने वाला ट्रैक्टर चालक डीजल मांगता है. तब डीजल नहीं देते हैं, बल्कि प्राथमिकता के आधार पर जो रेत चुराते हैं, उन ट्रैक्टर, टिप्पर्स के मालिकों को डीजल देते हैं. कभी-कभी हर गांव में डीजल लेने के लिए कतारें लग जाती हैं. 

    खतरनाक है काम, बिक्री के समय अग्निशामक यंत्र नहीं

    अवैध तरीके से डीजल बेचते समय कोई अग्निशामक यंत्र नहीं होता है, इसलिए किसी दिन बड़ी दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. डीजल की यह बिक्री सभी नियमों का उल्लंघन कर हो रही है. आयल कंपनियों के टैंकर एवं अन्य वाहन गांव-गांव घूमकर वाहनों में डीजल ईंधन भरते हैं. यह खतरनाक है, क्योंकि पेट्रोल पंप पर एक अलग मशीन है एवं इस वाहन में एक अलग मशीन है. पेट्रोल पंप में सारी सुविधाएं हैं. 

    जिलाधिकारी से की शिकायत 

    जिले के पेट्रोल पंप मालिकों ने डीजल की अवैध बिक्री के खिलाफ जिलाधिकारी से शिकायत की. मगर क्षेत्र में अवैध डीजल की बिक्री अभी भी जारी है. इससे पेट्रोल पंप धारकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक पेट्रोल पंप मालिक ने बताया कि एक विशिष्ट कंपनी का स्थानीय विक्रेता टाटा एस वाहनों में डीजल टैंक लगाकर अवैध डीजल बेच रहा है.

    ग्रामीणों ने मांग की है कि नियमों का पालन किये बगैर गांव में जाकर अवैध रूप से टैंकर से डीजल बेच रहे वाहन मालिक के वाहन का लाइसेंस निरस्त कर पेट्रोल पंप धारक के खिलाफ कार्रवाई की जाये.