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    अंबाडी. भंडारा ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल 15 जुलाई से शुरू हो गए हैं. सरकार ने स्कूल जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. माता-पिता को सलाह दी गई कि वे अपने बच्चों को स्कूल ले जाएं और ले जाएं,  इसलिए सभी लड़कियों को स्कूल जाने के लिए गांव से स्कूल के बीच नि:शुल्क यात्रा करनी पड़ती है. एस. टी  बसें उपलब्ध नहीं हैं. अहिल्याबाई होळकर योजना भी लड़कियों के लिए मुफ्त पास प्रदान नहीं करती है.  नतीजतन, कई लड़कियों को दूर-दराज के इलाकों और अन्य जगहों से स्कूल जाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दबे पांव स्कूल की संख्या में  कमी न आये, इस डर से प्रशासन ने कानून अनदेखी करके स्कूल शुरु कर दिए हैं.  

    न साइकिल, न बस और न कार

    बिना बसों के छात्रों अपने घर से स्कूल का फासला पैदल ही तय करना पड़ रहा है. गैर काणूनी तरीके से शहरी क्षेत्रों में भी जिन स्कूलों की विद्यार्थियों की संख्या की परेशानी से जूझना पड़ रहा है, ऐसे स्कूलों के प्रशासन ने स्कूल में पढाई शुरू कर की,  लेकिन  बच्चों को स्कूल तक जाने के लिए कोई साधन नहीं है, जिन घरों में दो पहिया, चार पहिया वाहन की व्यवस्था है, उन घरों के बच्चे बड़े आराम से स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन जिन घरों में कोई साधन नहीं है, उन घरों के बच्चों को पैदल ही स्कूल की ओर कूच करना पड़ रहा है

    लकड़ियों के लिए परेशानी बढ़ी

    मानव विकास योजना का उद्देश्य लड़कियों को उच्च शिक्षा की धारा में लाना है, ताकि उन्हें स्कूल छोड़ने वालों को रोका जा सके, चूंकि लड़कियों को वर्तमान में स्कूल आने के लिए साधन उपलब्ध नहीं कराया जाता है, इसलिए यह देखा गया है कि कई लड़कियां स्कूल शुरू होने के बाद भी स्कूल नहीं आती हैं. इस साल भी लड़कियां साइकिल योजना से वंचित रहेंगी

     कोविड के प्रभाव के चलते सरकार ने कई योजनाओं में कटौती की है,  इसमें शिक्षा योजना के तहत लड़कियों को स्कूल पहुंचाने के लिए साइकिल फंड भी शामिल है,  इस साल भी कलेक्ट्रेट को शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है,  इसलिए इस वर्ष भी लड़कियों के साइकिल योजना से वंचित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. 

    अभी तक कोई सुझाव नहीं- कोविड को चंद योजनाओं के लिए ही फंडिंग मिली थी, यह सब आवंटित धन था. सरकार ने नियमित योजना लागू नहीं की है क्योंकि पिछले एक साल से स्कूल शुरू नहीं हुए हैं.  सरकार की ओर से जून में गाइडलाइंस आती हैं लेकिन अब तक  सरकार की ऑर से कोई गाईड लाईन नहीं प्रशासन के कोई आदेश नहीं फिर भी शहर में  स्कूल गैर काणूनी ढंग से पाठशाला शुरु की गई है, लेकिन बगैर किसी व्यवस्था के स्कूल शुरु करने से लडंकियों की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गई है.