- अंकुरित अनाज बना सर्वोकृष्ट आहार
भंडारा. शीतकाल शुरु होते ही घर-घर में खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है. शीतकाल में आहार में हरी सब्जियों, सलाद के साथ-साथ विभिन्न दालों का सेवन भोजन में बढ़ जाता है. बहुत से लोग भोजन में मिक्स दाल भी खाना पसंद करते हैं. कुछ लोग अंकरित अनाज का सेवन नाश्ते में करते हैं.
दलहन यानि दालों को पोषक आहार के रूप में शीतकाल में ज्यादा पसंद किया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. शीतकाल में गृहणियां हर दिन खानपान की ओर विशेष ध्यान रखती हैं तथा यही कोशिश करती हैं कि थाली में परोसी जाने वाली हर वस्तु गरमारम रहे. मसलन, रोटी, सब्जी, दाल, चावल, कड़ी आदि. थाली में सलाद भी हो वह सेहत की दृष्टि और अच्छा हो जाता है.
गृहणियां रसोईघर में बनने वाले आहार में शीतकाल में मूंग, उड़द, चना, बरबटी, मटर को ज्यादा महत्व दिया जाता है. चना, मटकी जैसे पदार्थ को अंकुरित करते भी खाया जा सकता है. बाजार में भी अंकुरित वस्तुओं की बिक्री हो रही है. अंकुरित वस्तुओं का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है, इसलिए इसका सेवन करने वालों की संख्या शीतकाल में बढ़ जाती है. इतना ही नहीं भोजनालयों तथा होटलों में भी शीत काल में आने वाले ग्राहकों की मांग ग्रीष्मकाल की तुलना में अलग ही रहती है.