electricity bill
Pic: File Photo/Social Media

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लाखनी (सं). सामान्य जनता कोरोना जैसी महामारी से परेशान हैं, इस परेशानी की हालत में भी महावितरण विभाग ने अपने ग्राहकों को राहत देने की जगह बिजली की दर बढ़ाकर उन्हें और ज्यादा परेशान कर दिया है. हर ग्राहक के बिल में बड़ी राशि अंकित की गई है. यह धनराशि बिजली के ग्राहकों की कमरतोड़ रही है. कोरोना काल के संकट के बीच बिजली का भारी-भरकम बिल देखकर ग्राहकों ने एक स्वर में कहा है कि इतना बिल देकर बिजली विभाग ने ठीक नहीं किया है.

भारत ही नहीं, विश्व में अपना पैर पसारने वाले कोरोना से लड़ी जा रही जंग के बीच महावितरण कंपनी ने अपने ग्राहकों के साथ इतनी गुस्ताखी क्यों की, यह सवाल सर्वत्र उठाया जा रहा है. राजय सरकार ने लॉकडाउन के समय बिजली बिल माफ करने की घोषणा तो की लेकिन इस घोषणा के अनुरूप बिजली के ग्राहकों को बिजली माफी देने की बात तो दूर उल्टे बिजली का दर बढ़ाकर ग्राहकों की परेशानी को और बढ़ा दया है.

इस बारे में कुच सिफारिशें भी गई थी, जिनमें 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसका प्रस्ताव के तहत 101 से 300 यूनिट तक 50  प्रतिशत तथा 301 से अधिक यूनिट होने पर 25 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव रखा गया था.  अप्रैल माह से लागू हुई नई दरों पर रोक लगाने की मांग की जा रही है. लेकिन सरकार ने नई दरों को ही लागु रखा, जिससे हर ग्राहक को भारी बिल भेजा गया. बिजली बिल पर अंकित धनराशि देखकर ग्राहकों के पसीने छूट गए हैं.

बिजली बिल अमीर लोगों के लिए भले ही परेशानी का सबब न बन रहा हो लेकिन गरीब परिवार के लोगों लिए भारी बिल बहुत बड़ी परेशानी बना हुआ है. ग्राहकों को इस बात   का भी भय सता रहा है कि अगर बिजली का बिल न भरा तो कहीं बिजली का कनेक्शन न काट दिया जाए.