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भंडारा (का). चीनी वाइरस कोरोना के कारण इस वर्ष सभी लोग परेशान हुए हैं.  कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच अब लोगों को संक्रामक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. पीलिया, मलेरिया, पेट दर्द जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं. अगस्त माह में आई बाढ़ के कारण संक्रामक बीमारियों का फैलाव भी खूब हो रहा है.

मार्च माह के अंतिम सप्ताह में कोरोना के मद्देनज़र देश भर में जब तालाबंदी की गई तो भंडारा जिले में भी सब कुछ बंद रखा गया. जीवनावश्यक वस्तुओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहा. कोरोना महामारी का असर भंडारा जिले में आरंभ में बहुत कम रहा, लेकिन जैसे—जैसे दिन बढ़ते गए कोरोना का कहर बढ़ता चला गया और जब अगस्त माह में बाढ़ आई तो इस वक्त कहा जाने लगा था कि अव कोरोना के साथ-साथ महामारी भी फैलेगी.

बहुत से पर्व कोरोना की भेंट चढ़ गए तो आने वाले पर्वों पर भी कोरोना का साया रहेगा. कोरोना के बढ़ते प्रसार के बीच संक्रामक बीमारियों के फैलाव से लोगों का बजट गड़बड़ा रहा है. छह माह से ज्यादा समय से ठीक तरह से कामकाज न होने के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

बाढ़ का पानी घरों तथा खेतों में प्रवेश करने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है. पशुपालकों के पशु बह गए. हजारों ध्वस्त हो गए. घर में पानी घुसने से जीवनोपयोगी वस्तुएं नष्ट हो गईं. खेतों में पानी भर जाने से फसल सड़ गई और उसकी दुर्गंध सर्वत्र फैल गई और अब यही गंदगी संक्रामक बीमारियों का कारण बन रहा है.

बाढ़ का पानी कम होने के बाद नदी के तट पर स्थित कुएं का पानी अशुद्ध हो गया है. वर्तमान में बहुत से स्थान से अशुद्ध पानी की आपूर्ति की जा रही है. एक मादा मच्छर 300 अंडे देती है, इसलिए शासन तथा प्रशासन मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाएं.