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    भंडारा. इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वालों में सेब, अनार, अंगूर जैसे फल हैं, किंतु इन दिनों फलों पर महंगाई की मार पड़ी है. लाकडाउन के चलते सड़कों से लेकर गली मोहल्लों में बेचने वाले ऊंची कीमत में फल बेच रहे हैं. मंगलवार को जहां सेब 240 रुपए, अनार 200 और अंगूर 120 रुपए किलो के दाम से मिल रहे हैं. कोरेाना के संकट में अब इम्युनिटी कैसे बढ़ाए यह समस्या है.

    कोरोना की दूसरी लहर से देशवासी काफी हलाकान है. जहां भी लोग जाते हैं चिकित्सक सबसे पहले इम्युनिटी पावर बढ़ाने की सलाह देते हैं. जिससे कोरेाना महामारी से बचा जा सके. उसी प्रकार जो लोग संक्रमित हैं ओर होम आइसोलेशन में हैं उन्हें फलों के सेवन की सलाह दी जा रही है. जिससे उनकी इम्युनिटी बढ़कर जल्द स्वस्थ हो सकें, किंतु फलों के दाम सुनकर इनकी बची खुची शक्ति क्षीण पड़ने लगती है.

    सेब रु. 240  किलो

    सुबह 7 से 11 बजे तक अति आवश्यक दूकान जैसे फल, सब्जी और किराना दूकानें शुरू रखी जा रही हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले माल भी कम आ रहा है. तीन महीने पहले तक 100 से 120 रुपए किलो मिलने वाले सेब के दाम आज 200 के पार पहुंच गए हैं. इसका कारण है कि होलसेल विक्रेता ने सभी फलों के दाम बढ़ा दिए हैं. अब ऐसे में फुटकर विक्रेता ऊंचे दाम में फलों को खरीदेगा तो उसे भी तो ऊंचे दाम में बेचना पड़ेगा.  यह बात एक विक्रेता ने नाम न छापने की शर्त पर कही है.

    अनार भी रु. 200  किलो 

    व्यक्ति की इम्युनिटी बढ़ाने में सेब और अनार का बड़ा महत्व होता है. अनार के रस में विशेष रूप से किसी भी मरीज के लिए अमृत समान होता है, इसलिए सभी डाक्टर अनार खाने और जूस पीने की सलाह देते हैं, किंतु वर्तमान में अनार भी 200 रुपए किलो मिल रहा है. महज 11 बजे तक मिलने की वजह से खरीदार भी जल्दबाजी में खरीदकर चलता बनता है.

    अंगूर और मोसंबी भी 100 के पार

    इम्युनिटी मजबूत करने में अधिकांश खट्टे फलों को अहम माना जा रहा है. अब अंगूर और मोसंबी भी क्रमश: 120 और 140 रुपए किलो के दाम से मिल रहे हैं. मोसंबी तो कई दिनों की तोड़ी और अधिक धूप की वजह से उसमें रस नहीं निकलता और जल्दी सूख जाती है. ऐसे में विक्रेता भी उसे ऊंची कीमत में बेचकर अपनी कीमत वसूल करने का प्रयास करता है. अंगूर भी 100 रुपए से अधिक में ही मिल रहे हैं. मजबूरन लोगों को फल खरीदना ही पड़ रहा है.

    खरबूजा, तरबूज में कुछ राहत

    ग्रीष्मकाल में शरीर का पानी कम हो जाता है ऐसे में खरबूजा और तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है जो विशेष रूप से ग्रीष्मकाल के दिनों में सभी के लिए लाभकारी होता है. इन दिनों खरबूजा 25 रुपए और तरबूज 10 से 20 रुपए किलो के दाम से मिल रहे हैं. यह फल हैं जो लोगों को कुछ राहत प्रदान कर रहे हैं. 

    ईंधन के दाम बढ़ने से महंगे हुए फल

    शहर के एक विक्रेता ने बताया कि सीमित मात्रा में फल आ रहे हैं और ट्रांसपोर्टिंग का खर्च बढ़ने की वजह से सभी फलों के दाम बढ़े हैं. सेब, अनार, अंगूर जैसे फल बाहर से आ रहे हैं, वहीं तरबूज, खरबूजा स्थानीय लेवल पर मिल रहा है इसकी वजह से इनके दाम कम हैं वहीं अंगूर भी बाहर से आने की वजह से इसके दाम भी अन्य दिनों की तुलना में कोरोना काल में अधिक हैं.