भंडारा रोड में किसान रेल को स्टॉपेज मिला, जारी हुआ टाईमटेबल

  • 2 दिसंबर संभावित तिथि

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– विजय खंडेरा

भंडारा. सब्जी, अनाज एवं व्यापारी सामान की शीघ्र एवं सुरक्षित ढुलाई करने की दृष्टि से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा छिंदवाडा से हावडा तक किसान रेल शुरू की गयी है. जो अब 25 नवंबर की बजाए 2 दिसंबर से शुरू होगी. इस ट्रेन को भंडारा रोड में स्टापेज नहीं देने पर कडी प्रतिक्रिया उमड़ी थी. अब रेलवे ने जिले के किसानों की भावना का  सम्मान करते हुए भंडारा रोड रेलवे स्टेशन में 10 मिनट का स्टापेज उपलब्ध कराया है.

भंडारा जिला धान के कटोरे के रूप में पहले से मशहूर है. अब जिले ने सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल कर लिया है. जिले की सब्जियां न सिर्फ महानगर बल्कि विदेश में निर्यात होते है. देश के पूर्वी हिस्से में ही प्रतिदिन 10 के लगभग गाड़ियां रवाना होती है. इस वास्तविकता के बावजूद किसान रेल को भंडारा रोड रेलवे स्टेशन में स्टापेज नहीं देने पर जिले के किसानों में आक्रोश था. जय जवान जय किसान संगठन ने इस जिले की अस्मिता से जोड़ते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी. रेलवे ने भी सकारात्मक पहल करते हुए भंडारा में सब्जी उत्पादक एवं व्यापारियों से प्राथमिक स्तर की बातचीत की एवं भंडारा रोड रेलवे स्टेशन में 10 मिनट का स्टापेज देते हुए नया टाइम टेबल भी जारी किया.

इस टाइमटेबल के अनुसार छिंदवाडा से रवाना होने के पश्चात किसान रेल सौंसर एवं 15 15 मिनट का स्टापेज दिया गया है.  इतवारी में गाडी 1 घंटे रूकेगी. भंडारा में 10 मिनट एवं गोंदिया 10 मिनट रूकेगी. गोंदिया के पश्चात राजनंदगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, चांपा, रायगढ, झारसुगडा, राऊलकेला, चक्रधरपुर, टाटानगर होते हुए हावडा पहुंचेगी.

साढे 22 घंटे लगेंगे

वर्तमान में ट्रक द्वारा माल भेजने पर बंगाल की दूरी 30 से 32 घंटे में तय होती है. लेकिन रेलवे के टाइमटेबल पर नजर डाले तो भंडारा रोड से रवाना होने पर हावडा पहुंचने में केवल साढे 22 घंटे का वक्त लगेगा.

अब 2 दिसंबर पर नजर

उल्लेखनीय है कि किसान रेल 25 नवंबर से चलाने का निर्णय लिया गया था. लेकिन भंडारा में ठहराव को लेकर किसानों की मांग, सौसर तथा सावनेर क्षेत्र से अधिक मात्रा में संतरे का लदान हेतु रेल अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों तथा इस रेल के हावड़ा से छिंदवाड़ा वापसी के दौरान भी अधिक से अधिक माल लदान/उतरान को बढ़ाने व परिचालन समय को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश से मण्डल द्वारा इस किसान रेल की परिचालन तिथि को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया. इसकी संभावति तारिख 2 दिसंबर तय की गयी है.

पितल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण

भंडारा शहर को ब्रास सिटी के नाम से जाना जाता है. किसान रेल में केवल सब्जी एवं अनाज ही नहीं भेजा जा सकेगा. बल्कि यह व्यापारीक उत्पादक एवं माल की ढुलाई की जा सकेगी. भंडारा जिले से पितल की बर्तन छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड तक जाते है. किसान रेल शहर के पितल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.

 कम चार्जेस है मुख्य आकर्षण

सूत्रों की माने तो सडक मार्ग की अपेक्षा कम समय के अलावा माल ढुलाई के लिए कम चार्जेस होने की वजह से किसान एवं व्यापारियों के लिए किसान रेल बेहद फ़ायदेमंद साबित होगी.