भंडारा (का). राज्य के अन्य हस्सिों से भंडारा की तस्वीर भले ही अलग हो, लेकिन बाजार खुलने तथा उनके शटर बंद होने संबंधी सरकारी आदेश का पालन बड़ी अच्छी तरह से किया जा रहा है. हालांकि अभी-भी बाजार पहले की तरह से नहीं खुले हैं, लेकिन जहां तक चहल-पहल का सवाल है, वह पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ गई है. सुबह 10 से शाम पांच बजे तक बाजारों में चहल-पहल रहती है और जैसे ही घड़ी शाम के पांच बजाती है दुकानों के शटर गिर जाते हैं.
भंडार शहर के दुकानदार नियम के इतने पाबंध इसलिए हो गए हैं क्योंकि पिछले दिनों सरकारी नियमों का अनुपालन न करने के कारण कई दुकानदारों ने जुर्माना वसूला गया था. उसके बाद से शहर के दुकानदार जागरूक हो गए और जो समय सरकार की ओर से निधार्रित किया गया है, उसी समय दुकान खोलते तथा बंद करते हैं.
22 मार्च के जनता कर्फ्यू और उसके बाद 25 मार्च से शुरु किए गए लॉकडाउन की कालावधि में बजार बंद होने से जनजीवन प्रभावित हुआ. जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानें तो लॉकडाउन की कालावधि में खुली रहीं लेकिन अन्य दुकानों पर ताले लगे रहे. किराणा तथा मेडिकल की दुकानें भी इस दौर में खुली रहीं. जीवनावश्यक वस्तुओं की श्रेणी में सब्जी की दुकानों को भी शामिल किया गया था, इसलिए सब्जियों की दुकानें भी लॉकडाउन के दौरान खुली रहीं, इनके अलावा अन्य दुकानों के शटर बंद रखने के आदेश दिए गए थे.
लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों की ओर से लॉकडाउन में कुछ शिथिलता दी गई, उसके आधार पर किराणा, मेडिकल, सब्जी की दुकानों के साथ- साथ कुछ अन्य दुकानें खोलने के आदेश भी जारी किए गए. सैलून, शॉपिंग मॉल, सिनेमाहॉल, स्कूल-कॉलेज, स्वीमिंग पुल को छोड़कर लगभग सभी दुकानों के ताले अब खुल गए हैं. बाजारों को खोला तो गया है लेकिन उसके लिए जो समय-सारिणी बनायी गई है, उसी के तहत दुकानों के शटर खुलेंगे और बंद होंगे, जो नियम का पालना नहीं करेगा, उनसे जुर्माना वसूला जाएगा, ऐसा नर्दिेश सभी दुकानदारों को प्रशासन की ओर से दिए गए हैं, इसलिए जैले ही पांच बजते हैं, सभी दुकानों के शटर गिर जाते हैं.