Mahuaa Flowers
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भंडारा. पूर्व विदर्भ के किसानों के लिए वरदान कहा जाने वाला महुआ फूल किसी कल्प वृक्ष से कम नहीं है. महुआ फूल से बनायी जाने वाली शराब राज्य की राजस्व राशि बढ़ाने में अहम योगदान दे रही हैं. इस वजह से महुआ फूल के उत्पादन में किसान विशेष रूचि दिखा रहे हैं. हर वर्ष मार्च से मई में महुआ के वृक्ष में फूल लगते हैं. पूर्व विदर्भ में भंडारा, गोंदिया, गड़चिरोली, चंद्रपुर जिलों के साथ अन्य जिलों में महुआ के वृक्ष बहुत ज्यादा संख्या में है.

प्रक्रिया केंद्र की जरूरत
एक वृक्ष से लगभग 50 किलो फूल निकलते हैं. यह फूल 20 से 25 रुपए प्रति किलो के भाव से बेचे जाते हैं. केले में भंडारा जिले में 100 टन महुआ के फूलों का उत्पादन होता है. 25 रुपयों प्रति किलो से भाव से भी महुआ के फूलों की बिक्री की गई तो इससे मिलने वाली धनराशि करोड़ तक जाती है.

इतनी बड़ी मात्रा में महुआ फूल का उत्पादन होने क वावजूद पूर्व विदर्भ में महुआ पर आधारित एक भी प्रक्रिया केंद्र नहीं है. गन्ने और अंगूर से बनी शराब को सरकारी मंजूरी है, लेकिन महुए से बनी शराब को सरकारी मान्यता नहीं है. इले लेकर कई बार सवाल उठाए गए, लेकिन सरकार की ओर से इस बारे में कदम नहीं उठाया गया.