पालांदूर (सं). लाखनी तहसील प्राकृतिक रूप से बहुत सुरम्य है. यहां का मांगली बांध जलाशय पर्यटन का केंद्र बिंदु बन सकता है. इस परिसर के विकास को और अधिक गति देने की आवश्यकता अब आन पड़ी है. इस जलाशय में ग्रीष्मकाल की दाहकता को दूर करने के युवा मंडली तैरने के लिए आते हैं. इस तालाब के बगल में कुछ पहाड़ियां हैं.
484 एकड़ में फैले हुए इस तालाब का पानी धान की खेती में उपयोग में लाया जाता है. इसके अलावा इस तालाब से एक वर्ष में एक लाख रुपए मत्स्य व्यवसाय से प्राप्त होते हैं. वन प्राणियों का शिकार न हो, इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है.
पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत जिला परिषद सदस्य विनायक बुरडे ने मंदिर की सरकारी निधि के अंतर्गत मांगली बाघ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया. इस बांघ के तट पर ही भगवान श्रीराम तथा हनुमान के मंदिर भी हैं. इन मंदिरों में जब पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं तो उन्हें प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ शांति का दर्शन भी होता है.
यहां के श्रीराम मंदिर में वर्ष में रामनवमी के मौके पर विशाल आयोजन किया जाता है. सरपंच प्रशांत मासूरकर तथा स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में गांव के ही तीन लोगों को मंदिर में क्वारंटाइन किया है. परिसर के बारे में वरष्टि नागरिक गजानन मानकर ने महत्वपूर्ण जानकारी दी. इस तालाब के पास ही स्थित जंगल में मोर, हिरन, जंगली सुअर समेत अन्य जंगली प्राणी रहते हैं, वे कभी भी इस जलाशय में पानी पीने के लिए आते हैं.