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सिहोरा (का). किसानों का संकट से वास्ता अभी भी जारी है. अन्नदाता को सरकार, प्रकृति तथा व्यापारी तीनों की ओर से किसी न किसी रूप में परेशानी झेलनी ही पड़ती है. किसानों के साथ पहली बार ऐसा हुआ है, ऐसा नहीं है, उसके साथ यह बहुत पहले से ही होता आ रहा है. अगर दूध उत्पादकों की बात करें तो उनकी हालत भी धान या किसी अन्य फसलों के उत्पादकों से कुछ अलग स्थिति नहीं है. भंडारा जिला दूध उत्पादक सहकारी संघ ने 16 हप्ते के दूध का चुकारा पिछले एक वर्ष से लंबित रखा हुआ है. एक वर्ष लंबित राशि न मिलने से किसानों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. दूध संघ के इस व्यवहार से दूध उत्पादकों में भयंकर रोष उपजा है.

सिहोरा परिसर में बड़े पैमाने पर गो-पालन किया जाता है. कृषि के साथ-साथ और क्या इस रणनीति को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र के किसानों ने दूध व्यवसाय को भी अपनाया है. बहुत से किसानों ने दूध के व्यवस्थापन से समृद्धि का मार्ग स्वीकार किया है. 

सिहोरा परिसर के ज्यादातर किसानों की राय यह बन चुकी है कि कृषि के कुछ भी हाथ नहीं लगता, इसलिए कृषि के साथ और क्या किया जा सकता है, इस पर भी किसानों ने सोचना शुरु कर दिया है और विकल्प के रूप में किसानों ने दूध का व्यवसाय भी शुरु कर दिया. सिहोरा क्षेत्र में किसान दूध संघ तथा निजी संस्थाओं को दूध बेंचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. दूध संघ ने इन किसानों से लाखों लीटर दूध ले लिया लेकिन उसकी धनराशि (चुकारा) का भुगतान अभी तक नहीं किया है. दूध उत्पादकों का कहना है कि पिछली दीपावली भी अंधेरे में गई, दूध उत्पादकों को इस बात का भय सताने लगा है कि कहीं इस बार की भी दीपवली कहीं अंधेरे में न व्यतीत हो.

दूध संघ से बार-बार इस बारे में पूछा जाता रहा है, लेकिन उसकी ओर से टाल-मटोल जैसा वर्ताव किया जा रहा है. अप्रैल, 2019 से जिला दूध संघ ने चुकारा नहीं दिया है. चुकारा न मिलने से उत्पादकों की सहन शक्ति समाप्त हो गई है.  सिहोरा परिसर के दूध उत्पादक नंदकिशोर तुरकर, हरिश्चंद्र बोकड़े, महेंद्र बांगरे, संजय बांडेबुचे, मिलिंद हिवरकर, धनराज वैध, प्रमेश उताणे, सुनील गाढ़वे, चंद्रकांत उबाले, पुरषोत्तम पटले, श्रीराम ठाकरे, भीवराम सारंगपुरे ने स्थानीय विधायक से अपील की है कि वे दूध संघ से कहें कि दूध उत्पादकों का चुकारा जल्दी जल्दी भुगतान करें, यदि दूध संघ ने उलररे बाद भी चुकारा नहीं दिया तो इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.