भंडारा. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर पिछले कई वर्षों से खड़े हैं. इन टॉवरों की देखभाल कई वर्षों से नहीं की जा रही हैं. अगर समय रहते इन टॉवरों को नहीं हटाया गया तो निकट भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता. नागरिकों की ओर से कई बार शिकायत करने के बाद भी खतरनाक टॉवरों के बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया जा रहा है.
शहर में बिछा है जाल
सवा लाख जनसंख्या वाले भंडारा शहर में 25 मोबाइल टॉवर हैं. पिछले वर्ष पर्यावरण प्रेमियों समेत वरिष्ठ नागरिकों ने शहर में मोबाइल टॉवरों के विरोध में स्वर बुलंद किया था, किंतु नागरिकों के विरोध की ओर ध्यान न देकर मेंढा (खांबतालाब), खात रोड, कस्तूरबा गांधी वार्ड, साईं मंदिर रोड क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर का निर्माण किया गया. 11 वर्षों में शहर में मोबाइल टॉवरों का जाल सा बिछा है. फिर भी मोबाइल सेवा शहर में सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही है.
नियमों की अनदेखी
इस क्षेत्र में काम करने वाली कई निजी कम्पनियां अपनी सुविधा के लिए सभी नियमों को ताक पर रखकर मोबाइल टॉंवर का निर्माण कर रही हैं. जिनकी मालिकाना जगह या इमारत में यह टॉवर लगाया जाता है. उनको अच्छी खासी रकम मिलती है. इस वजह से जिन स्थान इमारत परिसर में टॉवर लगाए गए हैं, उसे हटाने के प्रति उस जगह या इमारत के मालिक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते, इसीलिए खतरनाक होने के बावजूद मोबाइल टॉवर को हटाने के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.