Dhaan Tulai
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तुमसर. तहसील के धान खरीदी केंद्रों पर भारी अनियमितता होने की शिकायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं किसानों द्वारा की जा रही है. यहां मप्र का माल व्यापारियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है. इस पर पाबंदी लगाने की मांग तहसील राकाध्यक्ष देवचंद ठाकरे ने की है.

उन्होंने बताया कि व्यापारियों द्वारा किसानों का 7/12 जमा करवा कर केंद्र चालकों को खुश किये जाने से वे रातों रात व्यापारियों के माल का कांटा करते हैं. दूसरी ओर क्षेत्र के किसानों द्वारा लाए गए धान का कांटा नहीं होने से उनमें असंतोष का वातावरण निर्माण हुआ है.

सरकार द्वारा आधारभूत धान के मूल्यों में एक साथ भारी बढ़ोतरी किये जाने से अनेक धान खरीदी केंद्रों पर व्यापारियों द्वारा धान बेचा जा रहा है. यहां केंद्र चालक द्वारा व्यापारी को अधिक महत्व देते हुए किसानों की अनदेखी की जा रही है. इस कारण किसानों के धान का कांटा होने में काफी समय लग रहा है. इस ओर जिला मार्केटिंग अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से केंद्र चालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.

व्यापारियों को नहीं दे 7/12 

ठाकरे ने सभी किसानों से अपील की है कि वह अपनी खेती का सात बारा व्यापारियों को नहीं दें. इससे भविष्य में उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ सकता है.

व्यापारियों को 7/12 देने पर किसानों को प्रधानमंत्री योजना के माध्यम से प्रतिवर्ष मिलने वाले 8, 000 रुपये उनकी आय के अनुसार निरस्त किए जा सकते हैं, उच्च आय के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना भी रद्द कर दिए जा सकते है, राशन भी रद्द हो सकता है, साथ ही सरकार की कुछ अन्य योजनाओं के लाभ से भी वंचित रह सकते हैं 

केंद्रों पर किसानों की लूट

ठाकरे ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी केंद्रों में हो रही गड़बड़ी एवं असुविधाओं की अनदेखी करने से केंद्रों पर किसानों की सरेआम लूट हो रही है. राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक खरीदी केंद्र को धान नपाई, तौलाई, सिलाई व बोरा को फड़ तक पहुंचाने व सुरक्षा के लिए प्रति क्विंटल अग्रिम राशि उपलब्ध कराई जाती है. इसके बावजूद कुछ धान केंद्रों पर बोरे के भराई, तौलाई, सिलाई व फड़ तक पहुंचाने के नाम पर रुपए वसूल किए जाते हैं. जानकारी के अनुसार एक बोरा का वजन 650 ग्राम होने की बात कही जा रही है. जिसकी क्षमता 40 किलोग्राम धान है. वजन करते समय बोरे के वजन को जोड़कर 40.650 किलो ग्राम धान लिया जाना चाहिए. जबकि कुछ केंद्रों पर 42 से 43 किलो धान लिया जाता है.

उन्होंने बताया कि धान खरीदी केंद्रों पर पारदर्शिता नहीं बरतने से किसानों का काफी नुकसान हो रहा है. एक ओर अधिक धान तौला जाता है. वहीं दूसरी ओर हमाली के नाम पर भी किसानों से नकदी रुपये वसूल किये जा रहे हैं. उन्होंने जिला प्रशासन से इस ओर तत्काल ध्यान देकर किसानों की लूट रोकने की मांग की गई है. ठाकरे द्वारा इस संदर्भ में सांसद प्रफुल्ल पटेल को ज्ञापन भेज कर किसानों की लूट करने वाले केंद्र चालकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश देने की मांग की.