केसलवाड़ा में सड़क पर कीचड़, मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं लोग

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    भंडारा. बरसात के दिन है. झमाझम बारिश हो रही है. कृषि प्रधान भंडारा जिले के लिए बारिश की आवश्यकता भी है. बारिश का अपना मजा है. लेकिन जब यही बारिश को निकासी होने का कोई रास्ता शेष नहीं होता. यही बारिश आफत बन जाती है. विशेष तौर पर केसलवाडा जैसे  इलाकों के लिए, जहां पर अब तक सड़क और नाली जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं बन पाई है. 

    भंडारा शहर से सटे केसलवाड़ा के लिए बारिश बारिश का मौसम किसी आफत से कम नहीं है. पूरा इलाका ही कीचड़ में तब्दील हो चुका है. जिससे लोक इस परिसर को केसलवाड़ा की बजाए कीचडवाड़ा के नाम से उल्लेख कर रहे हैं.

    परेशानी का निराकरण नहीं 

    नवविकसित हो रहे क्षेत्र में सडक एवं नाली निर्माण यह  स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है. लेकिन ग्रामपंचायत अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. सडकें नहीं है. यहां वहां पानी जमा रहता है. नाली नहीं होने की वजह से लोग अपने स्तर पर सड़क खोदकर ही पानी निकासी के लिए रास्ता बनाते है. बाद में यही रास्ता वाहनों के लिए दुर्घटना का कारण बनता है. कुछ कोशिश कर नाली तैयार करते हैं अंदाजा लगाया जा सकता है की इस स्थिति में स्थानीय नागरिकों को किन असुविधाओं का एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता होगा. गड्ढों में जमे पानी की वजह से अंदाजा नहीं आ पाता कि सडक कहां है? और लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. 

    हर दिन चुनौतीभरा

    लोगों ने बताया कि जब भी काम के लिए घर से बाहर जमा होना होता है. या फिर काम निपट कर घर वापस आना होता है. इन दोनों ही स्थिति में, लोगों के चेहरे की चेहरे से उनकी परेशानी का पता चलता है. भंडारा शहर मात्र आधा किलोमीटर दूरी पर है. केसलवाड़ा के विकसित हो रहे इस क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में लोग कीचड़, मच्छर, सांप और बिच्छू की परेशानी का सामना कर रहे हैं.

    पेशे से डॉक्टर एक भुक्तभोगी ने बताया कि केसलवाड़ा  से भंडारा के लिए जाना किसी चुनौती से कम नहीं है. टू व्हीलर लेकर निकलने पर हर मोड़ पर फिसलने का खतरा बना रहता है. बारिश के बीच गाड़ी चलाना यह अपने आप में बड़ी चुनौती होती है. इसीलिए सुरक्षित तौर पर कार से निकलना एक अच्छा विकल्प हो सकता था.

    लेकिन कुछ दिन पहले उनकी कार अस्थाई नाली के गड्ढे में जा फंसी. इसमें कार के सामने के हिस्से को नुकसान पहुंचा.  कार को गैरेज में भेजना पड़ा. फिर जब टू व्हीलर से रोजमर्रा की जिंदगी शुरु हुई. तब कीचड़ की वजह से बाइक फिसली एवं पैर को चोट पहुंची. केसलवाड़ा में इसी तरह हुई दुर्घटनाओं की कहानी लगभग हर घर में सुनने के लिए मिलती हैं.

    ध्यान नहीं दे रहा ग्रापं

    परेशानी का सामना कर रहे हैं लोग ग्राम पंचायत पदाधिकारियों से मिलते हैं. उनसे गुजारिश करते हैं कि ग्राम पंचायत जहां पानी इकट्ठा होता है. वहां पर थोड़ा बहुत मुरूम डाल दे. पानी निकलने के लिए नाली बना दे. लेकिन ग्राम पंचायत पर इस तरह के अनुरोध का कोई असर नहीं हो रहा है. उल्टे ग्राम पंचायत भुक्तभोगियों को सलाह देते हैं कि लोग सामूहिक चंदा कर अपने स्तर पर  मुरूम और नाली की सुविधा कर ले.

    प्रशासन उठाए कदम

    चूंकि अभी बारिश के दिन चल रहे हैं. हर दिन बारिश हो रही है. बारिश के होने पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. मच्छरों का आतंक, सांप और बिच्छू का डर परिसर में अधिक है. लोगों ने मांग की है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए.