MP Sunil Mendhe
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  • 18 नगरसेवकों ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप

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भंडारा. नगराध्यक्ष व भंडारा-गोंदिया के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के सांसद सुनील मेंढे के खिलाफ 18 नगरसेवकों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. मेढ़े के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर पूछताछ जारी ही थी कि सांसद मेढ़े ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी. इस फैसले से मेंढ़े ने राहत की सांस ली है. याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय ने मेंढे की पूछताछ को स्थगित कर दिया है.

 19 दिसंबर 2016 के चुनाव में मेंढे ने नगराध्यक्ष पद का चुनाव जीता था. 3 वर्ष के बाद विरोधियों ने सत्ताधारी पार्टी के दो सदस्यों को साथ लेकर अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी की. 3 मार्च को 18 नगरसेवकों ने एक साथ आकर नगराध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते जिलाधिकारी के पास शिकायत की. शिकायत में नगराध्यक्ष मेंढ़े को पदमुक्त करने की मांग की गई थी.

जिलाधिकारी ने इस शिकायत पर कार्रवाई कर 5 मार्च को मेंढे पर लगाए गए आरोपों की जांच के आदेश निकालकर उपविभागीय अधिकारी पर जांच की जिम्मेदारी सौंपी. 1 महीने में जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. 12 मार्च को मेंढे को नोटिस जारी कर उन्हें 21 मार्च को सुनवाई के लिए बुलाया, किंतु लॉकडाउन के कारण 21 मार्च को सुनवाई नहीं हो पायी.

मेंढे को 19 मई की नई तारीख दी गई. उक्त कार्रवाई के विरोध में नगराध्यक्ष मेंढे ने मुंबई उच्च न्यायायल की नागपुर खंडपीठ में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई गैरकानूनी है, अत उसे रद्द किया जाए, की. जिस पर न्यायाधीश ने मेढ़े पर कार्रवाई करने पर रोक लगा दी.