ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा में सबसे बड़ी बाधा बन रहा नेटवर्क

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    भंडारा. कोरोना महामारी की चपेट से विद्यार्थियों को बचाने के लिए शिक्षा संस्थाओं पर ताले लगाकर आनलाइन शिक्षा का रास्ता सरकार की ओर से निकाला तो जरूर गया लेकिन इस रास्ते से ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ, क्योंकि नेटवर्क न होने के कारण इस आधुनिक शिक्षा प्रणाली से मिलने वाले लाभ से ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विद्यार्थी वंचित रह गए.

    जिन गांव से कोरोना पूरी तरह से जा चुका है, उन गांवों में कक्षा 8 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई शुरु हो चुकी है. शहरी क्षेत्रों अभी-भी स्कूलों पर लगे ताले खुले नहीं हैं. नेटवर्क न होने से आनलाइन शिक्षा बहुत से विद्यार्थियों के लिए निरूपयोगी ही साबित हुई है. सरकार के निर्देश पर राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह भंडारा जिले में भी आनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन इस शिक्षा में जो सबसे बड़ी बाधा आ रही है, वह है नेटवर्क की.

    नेटवर्क न होने से आनलाइन पढ़ाई का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता. स्कूल प्रबंधन की ओर से तय किए गए समय के आधार पर ये आनलाइन कक्षाएं शुरु तो जाती है लेकिन बहुत से विद्यार्थियों के लिए ये कक्षाएं इसलिए बेकार साबित हो जाती हैं, क्योंकि नेटवर्क न होने से लिंक ही नहीं खुलती.

    तहसील में किसान, खेत मजदूर, कारीगर समेत अनेक श्रमजीवी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. अधिकांश लोग तो ऐसे हैं, जिनका परिवार रोज कमाने रोज खर्च के तत्व पर चलता है. कोरोना काल में बहुत से लोगों के हाथ से काम चले जाने के कारण हर परिवार की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है, इस विपरीत स्थिति में स्मार्ट, एब्राइड फोन खरीदना सभी के लिए संभव नहीं था.

    आनलाइन शिक्षा में शहरी तथा ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों के विदयार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आनलाइन शिक्षा से कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, इस बात को अब विद्यार्थी ही नहीं शिक्षक भी अच्छी तरह से समझ चुके हैं, इसलिए शिक्षक तथा विद्यार्थी दोनों यही चाहते हैं कि स्कूल खुले और वहां अच्छी तरह से शिक्षण कार्य शुरु हो.

    स्कूल से दूर रहकर पिछले डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय से जारी आनलाइन शिक्षा से शैक्षणिक दर्जा पहले की तुलना में बहुत गिरा है, इसलिए उस दर्जे को फिर से पाने के लिए स्कूलों पर गले ताले अविलंब खोलने की मांग की जा रही है. बाक्स प्राथमिक शाला स्कूल शुरु करने पर जोर वर्ष 2020 में नंवबर माह से चरणबद्ध तरीके से स्कूल खुलने शुरु हुए. लेकिन पहली कक्षा से लेकर चौथी कक्षा की पढ़ाई अभी तक शुरु नहीं हुई है.

    पिछले दो वर्षो से जिले के कक्षा पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थी घर से ही अनलाइन शिक्षा ले रहे हैं, लेकिन इन आनलाइन शिक्षा में वैसी ज्ञान, वैसी पढ़ाई नहीं हो पा रही है, जैसी स्कूल की पढ़ाई में होती है. विद्यार्थियों की गुणवत्ता का पाया स्कूली शिक्षा से ही मजबूत होता है, इसलिए अब अधिकांश पालक तथा शिक्षक यह कहने लगे कि प्राथमिक शालाओं में पढ़ाई शुरु की जाए.