प्रतीकात्मक तस्वीर
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    भंडारा. राजेगांव एमआईडीसी को कई जमीनें मिली हैं. क्षेत्र के युवाओं द्वारा महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम द्वारा खुली जगह का उपयोग कर नए उद्योग लाने की मांग की गई है.   लोगों का कहना है कि सरकार से इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

    धारगांव क्षेत्र व जिले के कई पढ़े-लिखे युवक व युवतियां रोजगार की तलाश में पुणे व मुंबई जाते हैं.   पिछले डेढ़ वर्ष से लाकडाउन के चलते कई लोगों की नौकरी चली गई है. इससे जिले और परिसर के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलता है, इसलिए राजेगांव एमआईडीसी को जगह का पर्याप्त उपयोग करना चाहिए और नए उद्योग लाए जाने चाहिए जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. 

    राजेगांव एमआईडीसी के पास वर्तमान में हिंदुस्तान कंपोजिट लिमिटेड व एक या दो छोटी कंपनियां है. भवन जर्जर हालत में है. इन भवनों में असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है. इस वजह से इस इमारत, छोटे व बड़े उद्योगों के लिए इस्तेमाल होने वाली जमीन पर रोक लगाने की मांग की जा रही है.

    मजदूरों को मिलेगा रोजगार 

    राजेगांव में एमआईडीसी होने के बावजूद राजेगांव व आसपास के गांवों के युवाओं को रोजगार, दैनिक कामकाज के लिए भंडारा जाना पड़ता है. यहां रोजगार की व्यवस्था हुई तो श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्ध हो जाएगा.