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  • .विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ आगे आया
  • . शिक्षा आयुक्त को सौंपा गया ज्ञापन

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भंडारा (का). प्राथमिक शिक्षा विभाग ने हाल ही में माध्यमिक शिक्षा से जुड़ी पांचवीं कक्षा को   प्राथमिक शिक्षा स्तर से जोड़ने से संबंधित शासनादेश जारी किया है. सरकार के इस निर्णय के कारण राज्य के वर्तमान में प्रचलित माध्यमिक तथा प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्रक्रिया में उलझन की स्थिति पैदा हो जाएगी, इसलिए सरकार की ओर से जारी उक्त निर्णय को रद्द किया जाए, ऐसी मांग विदर्भ माध्यमिक शिक्षा संघ के पदाधिकारियों ने की है.  विदर्भ माध्यमिक संघ के पदाधिकारियों की ओर से शिक्षा आयुक्त के जरिए शिक्षा मंत्री को भेजे गए ज्ञापन में सरकार से अपील की गई है कि वह अपने इस निर्णय पर फिर से विचार कर उसे तत्काल प्रभाव से वापस ले ले.

राज्य में कोरोना संकट के कारण पिछले छह माह से सभी शालाओं पर ताले लगे हुए हैं.  2020-21 का शैक्षणिक सत्र अभी भी शुरु नहीं हुआ है. हालांकि ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन इस शिक्षा का लाभ धनाड्य वर्ग के बच्चों को ही मिल पा रहा है. कुछ हद तक मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा पद्धति का लाभ मिल पाया है. गरीब परिवारों के बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था का रंच मात्र उपयोग नहीं हो पाया  है. इन सब परिस्थितियों में विद्यार्थी प्रवेश के संबंध में माध्यमिक शाला से संलग्न पांचवीं कक्षा को प्राथमिक शालाओं से जोड़ने के बारे जारी किए गए शासनादेश बहुत घातक तथा संभ्रम बढ़ाने वाला है. इस वजह से विद्यार्थियों, पालकों तथा स्कूल व्यवस्थापक को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. 30 सितंबर तक स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करके विद्यार्थी ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीयन प्रक्रिया इन दिनों जारी है, इस वजह से माध्यमिक शाला में कक्षा पांच में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का क्या होगा, पांचवीं कक्षा का समायोजन. शाला के पिछड़े वर्ग के शिक्षकों का अनुशेष पर भी इस शासनादेश से असर पड़ेगा. इसके अलावा माध्यमिक शाला की पांचवीं कक्षा के शिक्षकों को प्राथमिक स्कूल में समायोजित करने पर शिक्षकों की सेवा वरिष्ठता का भी प्रश्न खड़ा होगा. माध्यमिक शाला में सेवा में वरिष्ठ शिक्षकों को केवल समायोजन के कारण प्राथमिक शाला में सेवा में कनिष्क होना पड़ेगा. भविष्य में उन्हें सेवा वरिष्ठता में किसी भी तरह का कोई लाभ नहीं मिलेगा.

शिक्षा आयुक्त को दिए गए ज्ञापन में विदर्भ माध्यमिक संघ के प्रमोद रेवतकर, राजेश धुर्वे, सुधाकर देशमुख, चंद्रशेखर रहागंडाले, विजय नंदनवार, तेजराम राजूरकर, ज्ञानेश्वर वाघ, संजय बोरगांवकर, मोहन सोमकुवर, टेकचंद मारबते, पुरुषोत्तम लांजेवार, अशोक बनकर, मनोज अंबादे, दारसिंह चव्हाण, भाऊराव वंजारी, ज्ञानेश्वर मेश्राम, अनंत जायभाये, पंजाब राठौड़ आदि के हस्ताक्षर हैं. इस ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शिक्षा आयुक्त पुणे को प्रेषित की गई है.