Dhaan
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  • सरकारी आदेश की उड़ायी जा रही धज्जियां
  • दोषपूर्ण तौलाई का लगाया जा रहा आरोप  

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लाखांदूर. सरकार के आधारभूत केंद्र के अंतर्गत धान की खरीदी करते समय इलेक्ट्रॉनिक कांटे से नापतौल को अनिवार्य किया है, लेकिन लाखांदूर तहसील में सरकार के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. इस तहसील में सरकार के आदेश को धता बताते हुए अधिकांश केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटों की जगह सादे कांटे से दोषयुक्त नापतौल किए जाने का आरोप यहां के किसानों ने लगाया है.

इस बार खरीफ की फसल के संदर्भ में राज्य सरकार ने लाखांदूर तहसील में लगभग 14 आधारभूत धान खरीदी केंद्र मंजूर किए हैं. यह केंद्र लाखांदूर के दि. विजय लक्ष्मी राईस मिल सहकारी संस्था,खरीदी बिक्री सहकारी संस्था तथा मासल के दि.पंचशील राईस मिल शुरु की गई है.

बीते दिनों आधारभूत धान खरीदी केंद्र के अंतर्गत किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार की ओर  धान खरीदी प्रक्रिया में अनेक बदलाव किए गए हैं.  सरकार ने किसानों की ओर से की जा रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल 7/12 के साथ-साथ धान की तौलते समय इलेक्ट्रॉनिक कांटे का प्रयोग करना अनिवार्य किया है, उसके आधार पर तहसील के कुछ केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटों को उपयोग में लाया जा रहा है, जबकि बहुत से केंद्रों पर सादे कांटे से धान की तौलाई की जा रही है. सादे कांटे की जा रही माप तौल में सही नहीं है, ऐसा आरोप वहां के किसान लगा रहे हैं. बताया जा रहा है कि हर बोरे में 4से 5किलो अधिक वजन नाप कर विक्रेता किसानों के साथ धोखाधडी की दजा रही है.

इस धोखाधड़ी तहसील के नांदेड में सामने आई है. इस धोखाधड़ी पर तत्काल विराम लगाया जाए तथा साधारण कांटे की जगह वहां इलेक्ट्रॉनिक कांटे से  धान की बोरियों की तौलाई किए जाने की मांग की जा रही है.  इस मामले में सरकार उन धान केंद्रों पर जहां सादे कांटे से की जा रही तौलाई की जा रही है, उस पर रोक लगाकर वहां इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तौलाई करने की मांग की है.