जिले के 575 गांव में धान की फसल को भारी नुकसान

  • 22 अक्टूबर को फिर बरसात की आशंका

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भंडारा. पूर्व विदर्भ में पिछले सप्ताह आई वापसी की वर्षा भारी तबाही मचायी. वापसी की इस वर्षा की वजह से भंडारा जिले के 575 गांव के धान की फसल को नुककान पहुंचा है. सर्वेँक्षण से इस बात का खुलासा हुआ है कि वापसी की वर्षा के कारण लगभग 9542 हेक्टर धान की फसल नष्ट होने की बात सामने आयी है.

भंडारा जिला धान की फसल के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन इन वर्ष आरंभ से ही किसान परेशानी में दिखायी दे रहा है. मार्च माह में पहली बार हुए लॉकडॉउन में किसानों को एक के बाद एक करके अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा. उसके बाद कुछ दिन किसानों के लिए सामान्य रहने के बाद अगस्त माह भी किसानों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ. सोयाबीन, धान की फसल के साथ-साथ बागायती खेती को भी वापसी की यात्रा वर्षा के कारण बहुत नुकसान पहुंचा है.

मुद्दत से ज्यादा समय की वापसी की वर्षा के कारण अक्टूबर माह में मध्यम तथा हल्की प्रजाति के धान की कटाई का सिलसिला अभी शुरु ही हुआ था कि अचानक आई वर्षा से किसानों की आंखों से आंसू निकाल दिए. वापसी की वर्षा ने जिले के 575 गांव में धान की फसल को नुकसान पहुंचा है. जिले में 1 लाख, 78 हजार, 768 हेक्टर क्षेत्र में धान की फसल लगायी गई थी, उनमें से 575 गांव के 13 हजार, 189 किसानों को इस वापसी की वर्षा के कारण धान की खेती से हाथ धोना पड़ा है. जिले की मुख्य फसल के रूप में ख्यात धान उत्पादक वापसी की वर्षा के कारण बहुत दु:खी हैं. मौसम विभाग का कहना है कि 22 अक्टूबर को फिर वर्षा हो सकती है, अगर 22 अक्टूबर को वर्षा हुई तो एक फिर बार धान किसानों को भारी परेशानी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.