भंडारा (का). धान चुराई तेजी से शुरू हो गई है. लेकिन धान का उत्पादन कम मात्रा में होने से किसान फिर से संकट में आ गया है. इस वर्ष धान उत्पादक किसानों पर लगातार संकट आने के कारण किसान चिंता में है. लाखोरी परिसर में धान चुराई तेजी से शुरू है. धान के उत्पादन में प्रति एकड़ अधिकतम गिरावट देखी जा रही है.
इस वर्ष की शुरूआत से ही धान पर गादमाशी, करपा, कड़ा करपा, खोडकिड़ा व तुडतुड़ा ने आक्रमण करने के कारण फसले खराब होकर उत्पादन में कमी आई है. इसके अलावा अतिवृष्टी व बाढ के कारण धान उत्पादन पर प्रभाव होने के कारण प्रति एकड सिर्फ 2 से 3 बोरे ही धान हो रहा है. इसमें किसानों का उत्पादन लागत खर्च भी नहीं निकल रहा है.
लाखोरी व आसपास के किसान इस समय काफी संकट में है. उन्हें राज्य सरकार से मदद की उम्मीद है. तुडतुड़ा बीमारी के कारण धान फसल का भारी नुकसान हुआ है. कोरोना व अकाल ऐसे दोहरे संकट में पड़े किसान फसल बीमा की मांग कर रहे है. इसके अलावा अन्य आर्थिक उपाय कर किसानों को शीघ्र मदद करने की आवश्यकता और मांग की जा रही है.