Dhaan, Paddy Purchase Bhandara
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  • व्यापारियों से मिला छुटकारा
  • उच्च स्तर के धान को दी जा रही प्रधानता

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मोहाडी. राज्य सरकार की ओर से धान खरीद केंद्र शुरु करने के साथ-साथ धान की दर भी तय कर दी गई है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इस बारे में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. धान केंद्रों में गांवों को संलग्न न किए जाने के कारण धान खरीद केंद्र के संचालक किसानों के खेत में ही जाकर सरकार की ओर से तय किए गए दर से धान खरीद रहे हैं. धान खरीद केंद्र के संचालक अपने साथ आधार कार्ड, बैंक पास बुक, सात- बारह प्रमाण पत्र भी अपने साथ रख रहे हैं. खेत में जाकर धान बेचने की नई पद्धति से धान पेशेवर धान व्यापारियों में रोष व्याप्त है.

पिछले वर्ष धान केंद्र पर धान बिक्री करने वाले व्यापारियो को किसानों को सात-बारह देने तथा उन्हें भ्रमित करने की कोशिश की थी, इस वजह से इस वर्ष किसानों ने विशेष सर्तकता दिखायी है. पिछले वर्ष धान का रिकार्ड उत्पादन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार अच्छा उत्पादन हुआ है. पिछली बार मोहाडी के किसानों ने मध्यप्रदेश से सस्ते दर वाला 1600 रूपए प्रति क्विंटल वाला धान खरीद कर उसे धान खरीदी केंद्र पर बेंचा था. धान खरीदी ऑनलॉइन पद्धति से होने के कारण हर दिन कितना धान खरीदा गया, इसका पता चल जाता था. पूरे धान की खरीदी होने के बाद सरकार को इस बात का पता चला कि भंडारा जिले में 100 प्रतिशत धान का उत्पादन हुआ है, इस कारण सरकार ने फसल बीमा तथा मावा, तुडतुडा नामक रोग से हुए नुकसान की भरपाई नहीं दी.

महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत जिला मार्केटिंग विभाग तथा बाजार समिति की ओर से किसानों के लिए आधारभूत खान खरीदी केंद्र शुरु किया गया. दोनों तहसीलों में खरीदी- बिक्री संस्था, विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था, सुरक्षित बेरोजगार संस्था को विभिन्न शर्तों के अधीन रहकर धान खरीद केंद्र शुरु करने का अधिकार दिया गया है. इस वर्ष मावा, तुडतुड़ा करपा आदि रोगों से धान का उत्पादन उतना नहीं हो सका, जितनी उम्मीद की गई थी. जिनके यहां 50 क्विंटल धान होता था, वहां केवल 20 क्विंटल धान का उत्पादन हुआ. इस वर्ष अ ग्रेड के धान का भाव 1888 तथा ब ग्रेड के धान का भाव 1868 तथा 700 रूपए बोनस सरकार की ओर से घोषित किया गया है. दर बढ़ने से धान व्यापारी सक्रिए हुएं हैं और वे हर दिन मध्यप्रदेश से सस्ते दर का धान खरीद कर उसकी बिक्री कर रहे हैं.

धान मिल चालक धान उठाते समय उसकी वेराइटी पर भी ध्यान देते हैं. इस वर्ष भी बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष ती तरह भंडारा जिले में शत-प्रतिशत धान उत्पादन होने संबंधी पंजीयटन किया जाएगा, लेकिन विभिन्न रोगों से हुए नुकसान की भरपाई मिलने की उम्मीद नहीं है, ऐसे में धान उत्पादक किसानों को एक बार फिर उसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जिस तरह की परेशानी का उन्हें पिछले वर्ष सामना करना पड़ा था.