School Principles Press Conference

  • प्रिंसिपलों दी जानकारी

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तुमसर. वर्तमान कोरोना महामारी ने कहीं न कहीं सभी के खुशहाल जीवन को प्रभावित किया गया है. लेकिन दुनिया का नियम है कि यह मुश्किल दौर भी बहुत जल्द ही बीत जाएगा. सभी इस तथ्य से अवगत है कि इस कठिन समय में भी, सभी स्कूलों ने अपने छात्रों की शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रखी है. सभी शिक्षक लगातार मेहनत करके ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. सभी स्कूलों के अथक प्रयासों के बावजूद, कुछ लोगों द्वारा स्कूल एवं अभिभावकों के बीच अविश्वास की स्थिति पैदा की जा रही है. पालकों द्वारा भ्रम की स्थिति नहीं पालते हुए स्कूलों के प्रिंसिपल से सम्पर्क करना चाहिए.

फैलाई जा रही अविश्वास की स्थिति
इस बारे में सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपलों ने बताया कि, कुछ लोगों द्वारा सीबीएसई शालाओं के माध्यम से फर्जी टीसी वितरित करने एवं प्रमुख कर्मचारियों की योग्यता पर सवाल खड़ा किया गया है. उन्होंने बताया कि, सभी स्कूलों के सीबीएसई एवं आरटीई की मान्यता है एवं  किसी भी स्कूल को मान्यता देने से पहले स्कूल का निरीक्षण समिति द्वारा किया जाता है.

स्कूल के हर पहलू का मूल्यांकन प्राचार्यों एवं कर्मचारियों की योग्यता एवं अनुभव के साथ किया जाता है. इसमें  सीबीएसई ने अपने परिपत्र में स्पष्ट किया है कि क्षेत्रीय अधिकारी के काउंटर हस्ताक्षर की टीसी पर आवश्यकता नहीं है, स्कूल के प्रिंसिपल या प्रिंसिपल द्वारा अधिकृत व्यक्ति टीसी पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. 

एक अभिभावक के रूप में पालक हमेशा अपने बच्चे के स्कूल में जा सकते हैं एवं इन सभी दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं. स्कूलों को हर साल अपने प्रिंसिपल एवं कर्मचारियों की शिक्षा योग्यता सहित सभी जानकारी सीबीएसई ओएसिस सिस्टम, सरल एवं यूडीज़ पर प्रदान करनी होती है. पालक इन वेबसाइटों पर स्कूलों के बारे में सभी जानकारी भी पा सकते हैं. कोई भी स्कूल इतने सिस्टम से गुजरकर किसी भी जानकारी को छिपा नहीं सकता है. इस कारण पालक अपने मन में किसी भी तरह के भय की आशंका नही रखें.

उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी  की किताबों के बारे में उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद कि जिन निजी स्कूलों को अनुदान नहीं मिलता है, वे स्वेच्छा से अपने स्कूलों में  एनसीईआरटी या निजी प्रकाशन की किताबें  इस्तेमाल कर सकते हैं. सभी स्कूलों ने आपके बच्चे की शैक्षणिक रुचि को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखी है. शिक्षक वहीं कर रहे हैं जो हमारे लिए सबसे अच्छा है. अपने बच्चे को नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें एवं उन्हें नोट्स बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करें इस बारे में सरकार ने भी परिपत्रक जारी किया गया है. 

शुल्क में नहीं हुई वृद्धि
प्रिंसिपल ने बताया कि, सभी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों को सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलता है. स्कूलों का संचालन पालकों द्वारा भुगतान की गई फीस पर आधारित होता है. किसी भी स्कूल ने फीस में वृद्धि नहीं की गई है.  जहां तक ​​इस वर्ष के शुल्क भुगतान का संबंध है, सरकार ने अपने विभिन्न परिपत्रों में किश्तों में फीस वसूलने की बात भी कही है, इस कारण पालको से समय पर शुल्क का भुगतान करने का अनुरोध करते हैं.

उन्होंने विश्वास दिलाया हैं कि भविष्य में यदि फीस के संबंध में कोई भी निर्णय उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय से आता है वह सभी स्कूलों के लिए मान्य होगा एवं आगामी तिमाहियों की फीस तदनुसार समायोजित की जाएगी. पत्र परिषद में यूएसए विद्यानिकेतन के प्राचार्य सुमितकुमार दुबे, एसएनएसमानेक नगर के प्राचार्य पी. बिमल, फादर एग्नेल स्कूल के प्राचार्य फादर एंथोनी, सन्फ्लैग स्कूल प्राचार्य अजय चौबे, पांडे आदि उपस्थित थे.