पटवारी की लापरवाही के कारण बाढ़ प्रभावित किसानों की परेशानी बढ़ी

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लाखांदूर (सं). लाखांदूर तहसील के साथ-साथ भंडारा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की परेशानी पटवारी की लापरवाही के काऱण बढ़ी. किसानों का कहना है कि बाढ़ का पानी घुसने के कारण बहुत से लोगों का घर गिर गया तो कुछ लोगों की फसल नष्ट हो गई. कहा जा रहा है कि पटवारी तथा गांव के प्रमुख पदाधिकारियों की ओर से किया गया पंचनामा लाभार्थियों को विश्वास में लिए गए बगैर किया गया है. तहसील की वैनगंगा नदी ईटान, नांदेड, खैरणा, मोहरना, गवराला इन क्षेत्रों में विगत 31 अगस्त को बाढ़ ने भारी तबाही मचायी थी. इस बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान रहना पड़ा है. बाढ़ के कारण बहुत से परिवार बेघर हो गए थे, बहुत से किसानों को अपनी फसल से हाथ धोना पड़ा था. लेकिन बाढ़ प्रभावितों को अभी तक किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं दी गई है.

 जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी जिला प्रशासन की ओर से किया गया था. राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, पालक मंत्री विश्वजीत कदम, विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, अन्न तथा पुनवर्सन मंत्री विजय वडेट्टीवार, प्रहार के अध्यक्ष तथा विधायक बच्चू कडु, सांसद सुनील मेंढे, पूर्व विधायक बाला काशिवार जैसे दिग्गजों ने बाढ़ प्रभावितैसे दिग्गजों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके प्रभावितों को राहत दिलाने का आश्वासन सभी ने दिए थे, लेकिन अभी तक किसी को भी राहत नहीं मिली है.

बाढ़ के कारण मोहराणा तथा खैरणा क्षेत्र के अनेक परिवार बेघर हो गए हैं. बहुत से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. नदी तट क्षेत्र में रहने वाले किसानों की फसल बर्बाद हो गई. बाढ़ के कारण जिन किसानों के घर तथा फसलें बर्बाद हुई उसका पंचनामा तो किया गया लेकिन पंचनामा करते समय उनको विश्वास में नहीं लिया गया, जिनका नुकसान हुआ है. पटवारी ने अपनी मर्जी ने पंचनामा किया, जिसकी वजह से अभी तक प्रभावितों को राहत नहीं मिली है.