ऑनलाइन शिक्षा के बहाने ली जा रही व्यक्तिगत जानकारी

  • .बाह्य एजेन्सी को न दी जाए विद्यार्थियों का पूर्ण विवरण -शिक्षण विभाग
  • .दीक्षा ॲप का उपयोग करने की सलाह

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पालांदूर. स्कूल के विद्यार्थियों की व्यक्तिगत जानकारी एजेन्सी को न दें, ऐसे असे आदेश राज्य शैक्षणिक संशोधन तथा प्रशिक्षण परिषद् संचालक ने राज्य के विभागीय शिक्षण उप संचालक, जिला शिक्षा तथा प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य, प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षणाधिकारी, महानगर पालिकां प्रशासन अधिकारी को दिया है. कोरोना महामारी (Coronavirus)के कारण शिक्षा क्षेत्र पर परिणाम हुआई है.

मार्च माह में स्कूल तथा महाविद्यालय बंद आहेत. सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा (Online education) का पर्याय सामने रखा. कुछ स्कूल बहुत महंगें हैं, अशा शैक्षणिक एप का उपयोग ऑनलाइन शिक्षा के लिए किया जा रहा है. इसके लिए पालकों की ओर से विद्यार्थियों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त की जा रही है. यह जानकारी स्कूल किसी बाहरी एजेन्सी यानि निजी संस्था, कोचिंग संस्था, महाविद्यालय को दिए जाने की जानकारी दिए जाने की शिकायत सरकार  तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भी  प्राप्त हुई है. यह बात बहुत ही गंभीर है. इस पर सरकार की ओर से उचित  कार्रवाई करने के विषय में राज्य स्तर पर सूचनाएं दी गई हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर “वन नेशन वन प्लॅटफॉंर्म के अंतर्गत दीक्षा ॲप का वापर करने के बारे में यह सूचित किया गया है.यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से निशुल्क है. इतना ही नहीं विद्यार्थियों को सभी आवश्यक वस्तुएं तथा सभी शैक्षणिक सामग्रियां उपलब्ध करवाई गई है. विद्यार्थी हितों का विचार करते हुए दीक्षा ॲप का उपयोग पूरे महाराष्ट्र में होना अपेक्षित है. राज्य शैक्षणिक संशोधन तथा प्रशिक्षण परिषद शैक्षणिक प्राधिकरण होने के कारण परिषद की ओर से मान्यता मिलने के बाद शैक्षणिक एप या शैक्षणिक सामग्री तो उपयोग में लाया जाए. मान्यता के बगैर व्यक्तिगत हितों के लिए इस तरह की सामग्रियों को उपयोग में लाने या प्रसारित करने के लिए किसी को दिया न  जाए, ऐसा में इस आदेश का भी उल्लेख किया है.