आलू-प्याज के दाम बढ़े

  • हैद्राबाद में बाढ़ और मध्यप्रदेश में रास्ते बंद

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भंडारा. इन दिनों आलू प्याज के दाम में आग लगी हुई है. दाम में लगी आग की सीधी वजह पानी से जुड़ी है. हैद्राबाद व परिसर में बाढ़, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के अधिकतर हिस्से में बारिश की वजह से आलू व प्याज की आपूर्ति बूरी तरह प्रभावित हुई हैं. थोक व्यापारियों का मानना है कि दाम में बढ़ोतरी का असर अगले कुछ समय तक बना रह सकता है, किंतु डर यह भी है कि आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो दाम अप्रत्याशित रूप से उपर चढ़ सकते है.

आलू बिक रहा 40 रुपये किलो

बीटीबी सब्जी में रेहान शेख का एक पीढ़ी से आलू प्याज के कारोबार में है. उन्होंने बताया कि आलू की आवक आगरा परिसर से हो रही है. आगरा से भंडारा तक बारिश की वजह से आलू की पहुंच की गति धीमी हुई हैं. यह एक कारण है कि थोक मंडी में आलू के दाम 40 रुपये तक पहुंच गए है. जब खुदरा बिक्री में 50 रुपये तक बेची जा रही है.

प्याज मिल रहा 50

गर्मी के मौसम में प्याज को 10 रुपये से 15 रुपये किलो बेची गयी थी. आम उपभोक्ता ने कट्टे में खरीद कर महंगाई से लड़ने की योजना बनाई थी. पश्चिम महाराष्ट्र में मौसम की मार प्याज की फसल पर पड़ी है. प्याज के फसल प्रभावित होने की वजह से आवाक नहीं के बराबर है. इन दिनों जो प्याज भंडारा पहुंच रहा है. वह लाल प्याज है. लाल प्याज थोक मंडी में ही 50 रुपये किलो बिक रहा है. उसमें भी क्वालिटी में मामले में औसत है. सफेद प्याज की आवक नहीं के बराबर है.

जिले की सबसे बड़ी थोक सब्जी मंडी

स्थानीय बीटीबी सब्जी मंडी में जिले के सभी तहसीलों में दूर दराज के गांवों से सब्जी उत्पादक किसान अपनी सब्जियां बेचने के लिए आते हैं. भंडारा जिला सब्जी उत्पादन में लगभग स्वयंपूर्ण है. इसके साथ ही मुख्य निर्यातक भी है. भंडारा जिले से नई दिल्ली से लेकर उत्तरप्रदेश व मुंबई को भी माल भेजा जाता है, किंतु आलू प्याज के मामले में भंडारा जिला अन्य स्थानों से आनेवाले खेप पर निर्भर रहना पड़ता है.

बाढ़ का पड़ा असर 

प्याज के दाम में बढ़ोतरी की वजह से जमाखोरी के खतरे को स्थानीय व्यापारी सिरे से नकारते हैं. उन्होंने बताया कि पूरा मामला मांग व आपूर्ति पर ही टिका है. पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ की वजह से फसल को नुकसान हुआ है. जिससे कुछ समय के लिए प्याज के दाम 80 रुपये पार हो सकता है, लेकिन नई फसल आने के बाद दाम नियंत्रित हो जाएंगे. सब्जी विक्रेताओं के अनुसार सब कुछ सामान्य रहा तो आलू प्याज के दाम नियंत्रित रहते हैं. मांग के मुताबित आपूर्ति बनी रहती है. बड़े शहरों में कोल्ड स्टोजेर की वजह से भी हर मौसम में उपलब्धता बनी रहती है, लेकिन त्योहारी सीजन में आलू व प्याज की मांग सामान्यत: बढ़ जाती है.

बह गया था 400 टन माल

उल्लेखनीय है कि अगस्त अंत में आयी विनाशकारी बाढ़ ने बीटीबी सब्जी मंडी में करोड़ो रुपयों का नुकसान हुआ था. लगभग 400 टन माल बह गया या फिर पानी में सड़ गया. इस भारी नुकसान से थोक व्यापारी अब तक उबर नहीं पाए है.