भंडारा. किसी भी वस्तु की खरीदने के बाद ग्राहक को उसका पक्का बिल देने के आदेश जारी किए जाने के बाद भी लाखों रु. का व्यापार सादे कागज़ किया जा रहा है. कर बचाने के लिए व्यापारियों की ओर से पक्के बिल न देने का जो रास्ता निकाला गया है, उस रास्ते से जाने कारण ग्राहकों तथा सरकार को नुकसान होगा.
व्यापारियों द्वारा ग्राहकों को कच्चे बिल देकर जो धोखाधड़ी की जा रही है, उसे सामान्य ग्राहक समझ नहीं पाते. खरीदी गई वस्तु में अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पक्के बिल के आधार पर वापस किया जा सकता है. कृषि लेवा केंद्र, जेराक्स सेंटर, जनरल स्टोर्स, लकड़ी के व्यापारी, रेडीमेड कपड़ों की दूकान समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़ी वस्तुएं जब हम खरीदते हैं, तब पक्की रसीद मिलनी ही चाहिए.
पक्का बिल ग्राहकों को दिया जाना जरूरी है, यह उसका अधिकार है. इसलिए ग्राहकों भी इसका ध्यान रखना ही होगा कि अगर वह कोई सामान खरीदे तो उसका पक्का बिल अवश्य ले. लेकिन नियम का उल्लंघन करके जो व्यापारी ग्राहकों को बिल नहीं देते ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है.