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  • सता रहा कोरोना का भय

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भंडारा. कोरोना के कारण राज्यभर में स्कूलों पर ताले लगाने का निर्णय सरकार की ओर से लिया गया था. अब सरकार ने 1 जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने का फैसला लिया है.बच्चों तथा वृद्धों के लिए ज्यादा खतरनाक मानी-जानी वाली कोरोना महामारी से अभी भी कई पालक डरे हुए हैं. हालांकि सरकार ने पहली से 12वीं कक्षाओं की समय-सारिणी अलग-अलग बनाई है. सभी कक्षाओं को शुरू करने की तिथि अलग-अलग रखी गई हैं, फिर भी भंडारा के पालक अपने बच्चों को अभी-भी स्कूल भेजने की मनर्‍स्थिति में नहीं है.

9 से 12 की कक्षाएं 1 जुलाई से तो 6 से 8 की कक्षाएं 1 अगस्त से, तीसरी से पांचवीं की कक्षाएं 1 सितंबर से, 1 और 2 की कक्षाओं की पढ़ाई के बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया है. इसके बारे में निर्णय शाला व्यवस्थापन समिति की मान्यता मिलने के बाद लिया जाएगा. नया शैक्षणिक सत्र शुरू करते समय कोरोना से बचाव संबंधी जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

स्कूल भेजने तैयार नहीं पालक
शिक्षा विभाग ने यहां तक कहा है कि एक बेंच पर केवल एक ही विद्यार्थी को बैठाया जाएगा, फिर भी पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. पालकों ने सरकार को कड़े शब्दों में कहा है कि वह स्कूलों को खोलने की जल्दबाजी न करें.

कोरोना के कहर के बीच स्कूलों को खोलना 100 प्रतिशत घातक है, ऐसा करना बच्चों की जान को खतरे में डालने जैसा ही है. इस मुद्दे पर जहां कुछ पालकों ने बेबाक राय दी तो कुछ ने प्रतिक्रियाएं देने में संकोच भी किया. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता ने साफ तौर पर कहा कि कोरोना का संक्रमण कब और किससे हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है. भंडारा के विभिन्न स्कूलों में 1 जुलाई से शैक्षणिक सत्र शुरू हो भी पाए कि नहीं, इसे लेकर संदेह बना ही है.