प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल फिर से शुरू

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भंडारा (का). 1 वर्ष पूर्व गुढ़ीपाड़वा के मुहूर्त पर प्लास्टिक थैलियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था. इस निर्णय का कार्यान्वयन होना चाहिए इसलिए दंडात्मक कार्रवाई करने की स्वीकृति स्थानीय नपं को दी गई. प्रारंभ में जोरदार मुहिम चलाई गई इसके बाद इसमें ढील दी गई. अब फिर से प्रतिबंधित प्लास्टिक थैली को खुलेआम इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इस कारण प्रतिबंध एवं कार्रवाई केवल नाम तक ही है.

प्लास्टिक से बनी थैली सबसे ज्यादा खतरनाक होती है ऐसा साबित होने से इसके प्रतिबंध पर अधिक ध्यान दिया गया. 50 मायक्रोन से कम जाड़ी के प्लास्टिक थैली के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया. प्रशासकीय कार्रवाई के साथ ही प्लास्टिक थैली का इस्तेमाल नागरिक ना करें इसलिए नपं के साथ सामाजिक संस्थाओं ने जागरूकता मुहिम को बढ़ावा दिया.

स्कूल, महाविद्यालय से छात्रों ने जागरूकता रैलिया निकाली. इसके परिणाम स्वरूप शुरूआत में प्लास्टिक के इस्तेमाल का प्रमाण कम भी हुआ था. सागसब्जी एवं छोटे-छोटे वस्तुओं की खरीदी के लिए जाने वाले ग्राहकों ने कपड़ों की थैलयों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था, हालांकि कुछ दिनों बाद यह कपड़ों की थैलियां गायब होकर फिर से प्लास्टिक थैली से सामान बेचे जाने लगे हैं. सागसब्जियां, फल, किराने के दुकानदार, पानठेले के साथ साथ बड़े प्रतिष्ठान से भी 50 मायक्रोन से ज्यादा जाड़ी की प्लास्टिक थैलियां मिलने लगी हैं.