OBC Morcha

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भंडारा. ओबीसी क्रांति मोर्चा की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में ओबीसी के लिए एक स्वतंत्र सीट रखकर स्वतंत्र रूप से गीना जाना चाहिए. इसमें विभिन्न मांगें भी शामिल है.

यह हैं मांगे

याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2021 के तहत जनगणना कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इसमें मुख्य मांग ओबीसी की जनगणना के लिए एक स्वतंत्र रकाना बनाना है. जब तक ओबीसी के लिए स्वतंत्र प्रश्नावली को जनगणना में शामिल नहीं किया जाता है, तब तक जनगणना कार्यक्रम को स्थगित करने पर विचार किया जाना चाहिए. 1931 में देश की जनगणना हुई थी. इसमें जाति पर आधारित लगभग 52 प्रश. ओबीसी होना स्पष्ट था. इसी आधार पर मंडल आयोग की स्थापना की गई थी.

27 प्रश ओबीसी को आरक्षण की भी सिफारिश की गई थी. संविधान की धारा 340 के तहत, जनगणना केंद्र सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों के सामाजिक व शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने और ओबीसी श्रेणी के उत्थान के लिए आवश्यक है. लेकिन ऐसा लगता नहीं है. शिष्टमंडल में ओबीसी क्रांति मोर्चा के मुख्य संयोजक संजय मते, पवन मस्के, महेश कारेमोरे, सचिन घलणारे, सुरगत शेंडे, जीवन भजनकर, उमेश मोहतुरे, सुक्राम देशकर, अंकुश हलमारे आदि उपस्थित थे.

तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रश. आरक्षण की भी घोषणा की थी. 16 जनगणना के तहत 2021 में कार्यक्रम का नियोजन है. प्रश्नावली के कालम 13 के तहत ओबीसी का उल्लेख नहीं किया गया है. किंतु संविधान के अनुच्छेद 15 (4) (5), अनुच्छेद 16 (4), के तहत सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष योजनाएं एवं अन्य बातों का विचार होना आवश्यक है.