भंडारा. शहर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. सड़क एवं बाजार में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नगर परिषद मुख्याधिकारी विनोद जाधव द्वारा भंडारा शहर में शाम 7 बजे दूकान बंद करने का आदेश लागू किया गया है. 7 बजे के बाद दूकानों से लेकर होटल एवं रेस्टोरेंट बंद हो जाते हैं. लेकिन शहर से सटे ग्रामीण इलाके में नप आदेश प्रभावी नहीं होता. भंडारा शहर के खाने के शौकीनों की भीड़ शहर से सटे ग्रामीण इलाके में देखी जा सकती है. कुल मिलाकर लोगों की हिफाजत के लिए बनाए गए नियमों को धज्जियां लोग ही उड़ा रहे हैं.
भंडारा शहर का विस्तार खाता रोड पर ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से हुआ है. इन गांवों से भंडारा शहर की हृदयस्थली गांधी चौक की दूरी मात्र 2 से 3 किमी है. सुविधाजनक होने की वजह से हजारों की जनसंख्या इन्ही ग्रामीण इलाके में रहती है. जो कहने के लिए ग्रामीण है. इस पूरे परिसर का विकास शहर के भांति ही हुआ है. संक्षेप में यह गांव अब भंडारा शहर का हिस्सा बन गए हैं.
प्रतिबंधात्मक आदेश का दायरा बढ़ाने की जरूरत
भंडारा शहर में शाम 7 बजे दूकान बंद तो हो जाते हैं. लेकिन शहर से सटे इन तथाकथित ग्रामीण क्षेत्र में रात 10 से 11 बजे तक दूकानें शुरू रहती है. उल्टे शहर में बंद की वजह से अब ग्रामीण क्षेत्र में भारी भीड़ जुट रही है. जो अपने आप में खतरनाक स्थिति का संकेत दे रही है. इस पर विचार करते हुए जिला प्रशासन को प्रतिबंधात्मक आदेश का दायरा बढ़ाने की जरूरत है.