Ramcharan, a migrant laborer, will save the symbol of lockdown 'rickshaw'

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तुमसर (सं). तीन चाकी रिक्षा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर पाल्यों का कैसे तो भी शिक्षा का खर्च वहन करने वाले रिक्षा चालको पर कोरोना के लॉकडाउन के कारण भूखमरी की नोबत आ पड़ी है.

क्षेत्र में उद्योग धंदे एवं रोजगार के अभाव में कुछ लोगो द्वारा बैंकों से कर्जा उठाकर 3 पहियों का रिक्षा खरीदकर अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे. एव इसमे से कुछ पैसे बचाकर अपने पाल्यों को पढ़ा रहे थे. लेकिन मार्च माह से शुरु हुए लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी रोटी छीनी गई है.

वर्तमान में उनके यह हालात है कि उन्हें दो वक्त की रोटी बराबर नसीब नही हो रही है. तब अपने पाल्यों को शिक्षा की सामग्री कैसे उपलब्ध कराएंगे यह सवाल उनके समक्ष खड़ा हुआ है. कोरोना लॉकडाउन के कारण उनके रिक्षे के पहिये रुक चुके है. उन्हें इस संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता देने की आवश्यकता है.