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  • लाखांदुर में स्नातक मतदाताओं को आह्वान

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लाखांदुर (सं). पिछली सरकार ने किसान, खेत मजदूर और आम जनता को अस्वस्थ कर दिया. जीएसटी, नोट बंदी जैसे फैसलों ने राज्य व देश के उद्योगों को बंद कर दिया और बेरोजगारी बढ़ा दी. यह कहते हुए कि इन गलत फैसलों के कारण जनता को नुकसान पहुंचा है, स्नातकों को ऐसी सोच को रोकना चाहिए ऐसा आह्वान जिले के पालकमंत्री डा. विश्वजीत कदम ने किया.

वे लाखांदुर में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के नागपुर विभाग के महाविकास आघाडी के उम्मीदवार अभिजित वंजारी के प्रचार में आयोजित स्नातक व महाविकास आघाडी के कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे. स्थानीय आशिर्वाद मंगल कार्यालय में गुरूवार को कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था.

उन्होंने आगे कहा कि भंडारा जिले में लगभग 18 हजार स्नातक मतदाता है. अभिजीत वंजारी को महाविकास आघाडी के तहत उम्मीदवार घोषित किया गया है. राज्य की महाविकास आघाडी सरकार लोगों के हित में निर्णय ले रही है. जैसे ही राज्य में सरकार स्थापित हुई, सभी किसानों को कर्ज से मुक्त कर दिया गया. सहकारी क्षेत्र के तहत राज्य के किसान 19.5 हजार करोड़ रु. कर्ज मुक्ति से लाभान्वित हुए.

पिछली सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारों को एक भी नौकरी उपलब्ध नहीं थी. जीएसटी व नोटबंदी के कारण सभी उद्योगों के बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है. इन सभी परिस्थितियों का सामना करने के लिए, स्नातक मतदाताओं के साथ-साथ लोग महाविकास आघाडी सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहे.  और शैक्षिक व सामाजिक क्षेत्र में हमेशा तैयार रहने वाले अभिजीत वंजारी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एकता में काम करे और गलत सोच को रोकने का आह्वान किया.

इस अवसर पर भंडारा जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष मोहन पंचभाई, प्रेमसागर गणवीर, पूर्व जिप. अध्यक्ष रमेश दोगरे, तहसील अध्यक्ष वासुदेव तोंडरे, मुजिब पठाण, अनिल राय, शिवसेना जिला प्रमुख रवि वाढई, तहसील प्रमुख अरविंद बनकर, शहर प्रमुख प्रमोद राऊत, राकां शहर अध्यक्ष एड. मोहन राऊत, अतुल परशुरामाकर, पूर्व जिप. सदस्य प्रदिप बुराडे, मनोहर राऊत, डा. सुरेश ब्राम्हणकर, प्रणाली ठाकरे, शुद्धमता नंदागवली, सुवर्णा बोरकर, लता प्रधान, संतोष शिवनकर, संजय भोवते, सुरज घरड़े, पिन्टू दहिवले, सरपंच संगठन तहसील अध्यक्ष जितेंद्र पारधी, उत्तम भागडकर, लेकराम ठाकरे सहित स्नातक मतदाता व कार्यकर्ता उपस्थित थे. संचालन गटनेता रामचंद्र राऊत ने किया. आभार मंगेश राऊत ने माना.