murder

  • सोने की अंगूठी और चेन की लालच में मारा, 3 गिरफ्तार

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भंडारा. कोका अभ्यारण्य के नवेगांव जंगल में अज्ञात व्यक्ति का क्षत विक्षत शव मिला था. शव मिलने के सिर्फ 12 घंटे के भीतर शव की पहचान कराने में पुलिस को सफलता मिली. बरामद शव लाखनी तहसील के सोमालवाड़ा के निवासी दयाराम पुंडलिक टीचकुले (50)का था. जिन्हें उनके करीबी दोस्तों ने सोने की अंगूठी व गले की चेन हासिल करने की लालच में मार दिया. मामला की हर कड़ी कारधा पुलिस की जांच में उजागर हुई है. पुलिस ने इस मामले में रेंगेपार कोठा निवासी योगेश तितिरमारे (35), संजय काटगाये (28)और नरेंद्र पुडके (42) को गिरफ्तार कर लिया है और शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

करीबी दोस्तों ने दिया घटना को अंजाम

जिला पुलिस अधीक्षक वसंत जाधव ने इस जांच के लिए कारधा पुलिस स्टेशन थानेदार दीपक वानखेड़े एवं टीम की प्रशंसा की है. एसपी वसंत जाधव ने बताया कि मृतक दयाराम टीचकुले गांव में अवैध शराब बेचा करता था. हाथों की उंगलियों में अंगूठी व गले में सोने चेन पहनता था. तीनों आरोपी दयाराम के करीबी दोस्त थे. उसके पास जो गहने और पैसे थे, उसे देखकर वे तीनों हतप्रभ रह गए.  उन्होंने दयाराम की हत्या कर सोने के माल पर हाथ साफ करने की योजना बनाई. पार्टी करने के बहाने उन्होंने 26 दिसंबर को योगेश तितिरमारे की कार में सोमलवाड़ा से चल पड़े.

साकोली के नज़दीक सौंदड में दयाराम को बेहोश होने तक शराब पिलाई. दयाराम को नशा चढ़ चुका था कि उसने खाना भी नहीं खाया. बस गाड़ी में बैठा रहा, फिर वे साकोली से एकोड़ी रोड होते हुए कोका जंगल परिसर में पहुंचे. वहां उसने मृतक के हाथ से अंगूठी और सोने की चेन निकाली, फिर गला घोंटकर हत्या कर दी. बाद में उसी मार्ग पर वह नवेगाव जंगल परिसर में सड़क पुल के पास गाड़ी रोकी.

शव को पुल के पाइप तक घसीटा गया. वहां ईंट से सिर और चेहरे पर वार किए. ताकि मृतक की पहचान न हो सके. जब पुष्टि की कि वह पूरी तरह से मर चुका है, सबूतों को नष्ट करने के इरादे से मोबाइल और चप्पल को जंगल में फेंक दिया गया. एक पुल के नीचे शव को छीपा दिया. आरोपी संजय काटगाये ने दयाराम की जेब से 2,800 रुपये निकाल लिए.

बदबू आने पर ग्रामीणों ने दी पुलिस को जानकारी

लाश के सड़ने की बदबू आने पर ग्रामीणों ने कारधा पुलिस को सूचित किया.  पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. परिजनों ने शव पर कपड़े से मृतक की पहचान की. पुलिस को प्राप्त खुफिया जानकारी मिली कि घटना वाले दिन दयाराम ने आरोपी के साथ गाँव से बाहर निकले थे. पुलिस ने संदेह के आधार पर 2 दिसंबर को ही संबंधितों को पूछताछ के लिए कब्जे में लिया. इनमें कोका वन क्षेत्र के सुरक्षा चौकी में योगेश तितरमारे की कार सोनेगांव चौक से गुजरने की एन्ट्री मिली और सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि भी की गई. इसके बाद आरोपियों के पास में गुनाह कबूलने के अलावा कोई चारा नहीं था.

पुलिस अधीक्षक वसंत जाधव के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिकेत भारती, उप-विभागीय पुलिस अधिकारी टीकाराम काटे, कारधा थानेदार दीपक वानखेड़े,  उप निरीक्षक माधव परशुरामकर, रविंद्र रेवतरकर, पुलिस कांस्टेबल गिरीश बोरकर, विवेक रणदीवे, आकाश सोनुने, कांतिश कराडे ने जांच में सहयोग किया.