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    लाखांदूर . सरकार की न्यूनतम मूल्य योजना के तहत तहसील में 16 ग्रीष्मकालीन धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए हैं. हालांकि पिछले कुछ दिनों से बारदाना की कमी के कारण इन केंद्रों के तहत ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी नहीं होने से इस वर्ष की खरीफ फसल पर आर्थिक संकट की आशंका है.  तहसील के किसानों में नाराजगी देखी जा रही है. 

    6959 हे. क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की फसल

    पिछले रबी सीजन में तहसील के सिंचाई सुविधा उपलब्ध वाले किसानों द्वारा तहसील के कुल 6959 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई गई थी. लेकिन  इस फसल के तहत चुराई किए गए धान की बुनियादी केंद्रों के तहत बारदाना के अभाव में खरीदी नहीं किए जाने से किसानों के बीच आर्थिक संकट देखा जा रहा है.

    तहसील में 16 धान खरीदी केंद्र 

    पिछले रबी सीजन में तहसील के किसानों द्वारा लगाए गए ग्रीष्मकालीन धान खरीदी के लिए सरकार के न्यूनतम कीमत योजना के अनुसार कुल 16 धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए हैं. लेकिन शुरू किए गए केंद्रों को पिछले कुछ दिनों से सरकार द्वारा बारदाना उपलब्ध नहीं किए जाने से धान खरीदी बंद पड़ी है.

    किसानों को फसल कर्ज का आधार 

    तहसील के अधिकांश किसान प्रतिवर्ष फसल कर्ज लेकर विभिन्न फसलों की खेती कर रहे है. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में कोरोना के मद्देनजर सरकार द्वारा किए गए लाकडाउन के कारण बिना मजदूरी के घर बैठे नागरिकों एवं किसानों को आर्थिक संकट में पाया जा रहा है. केंद्रों के तहत जहां दूसरे व ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी नहीं हो रही है. वहीं जो किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, वे सरकार की ओर से दिए जा रहे फसल कर्ज पर ही निर्भर नजर आ रहे हैं.

    धान खरीदी जरूरी 

    बुनियादी केंद्रों के तहत बारदाना नहीं होने से ग्रीष्मकालीन धान की खरीदी नहीं होने से किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में खरीफ फसल के दौरान किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. चर्चा है कि यह आवश्यक है कि खरीफ फसल पर हो रहे आर्थिक संकट का आकलन करने के लिए केंद्रों के तहत ग्रीष्मकालीन धान की खरीद करें.