भंडारा. किसानों पर संकट का सिलसिला लागातार जारी है. कभी प्रकृति किसानों पर कहर बरपाती है तो कभी मानसून की बेरुखी किसानों को रूला देती है. कभी सरकारी अव्यवस्थाएं किसानों को यातनाएं देती हैं. कभी बेमौसम बरसात किसानों की फसलों को बर्बाद कर देती हैं. रही सही कसर जंगली पशू पूरी कर रहे हैं. इस तरह देखा जाए को किसान चौतरफा संकट से घिरा हुआ है. जिले में बड़े पैमाने पर गांव से संलग्न जंगली क्षेत्र भी है.
इस जंगली क्षेत्र से चीतल, हिरन, सांभार, जंगली सुअर अक्सर गांव में प्रवेश कर जाते हैं. ये जंगली पशू खेत में लगी फसलों को बर्बाद कर किसानों की पूरी मेहनत बेकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये जंगली पशू गांव की जनता पर भी हमला करते हैं. अब तक कई बार गांव वालों पर जंगली पशु हमला कर चुके हैं. इस हमले में गांववाले गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं.