वन्य जीवों से हुए नुकसान का किसानों को तुरंत मुआवजा दें वन विभाग : ग्राम आंदोलन समिति

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    •  किसानों को लाखों का नुकसान व हजारों की मदद

    भंडारा. किसान हमेशा असमानी व सुल्तानी संकट से परेशान रहता है. कभी प्रकृति के ह्रास के कारण तो कभी दिन भर फसलों में जंगली जानवरों की मौजूदगी के कारण किसानों के हाथों की फसलों को जानवरों द्वारा उनकी आंखों के सामने नष्ट किया जा रहा है. नतीजतन, हर वर्ष वन्यजीवों द्वारा कृषि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया जाता है.

    फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं. लेकिन वन्य जीवों के कारण किसानों को अपनी फसल गंवानी पड़ रही है. नतीजतन किसान बेबस हो गए है. इसलिए ग्राम आंदोलन समिति ने उपवन संरक्षक एस. बी. भलावी को सौंपा ज्ञापन में मांग की है कि वन विभाग इस अवसर पर ग्राम आंदोलन समिति के संयोजक महेंद्र निंबार्ते, मंगेश वंजारी, माडगी के उपसरपंच जागेश्वर पाल, रवींद्र चौधरी, देवा बोदेले, प्रदीप मदरकर, सुदेश खंडारे, प्रदीप कोराम आदि उपस्थित थे. ]

    एसबी भलावी ने कहा, हम सरकार को पर्याप्त धनराशि भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. प्राप्त राशि से किसानों के मामले सुलझाए जाते है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जुलाई में किसानों के शेष मामलों को सुलझा लिया जाएगा. किसान हर साल कर्ज लेकर खेती पर काफी पैसा खर्च करते हैं.

    हालांकि, किसानों को वन्यजीव फसलों के नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. मुआवजे के रूप में सरकार किसानों को नाममात्र का मुआवजा देकर उन्हें मुक्त करती है. नुकसान लाखों में है और सहायता हजारों में है. और इस बीच मुआवजा मिलना ज्यादा मुश्किल है. इसलिए आगामी 15 दिनों में किसानों को मुआवजा दिया जाए और वन्य जीवों के स्थायी संरक्षण के उपाय किए जाएं. अन्यथा मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों के हित के लिए ग्राम आंदोलन समिति सड़कों पर उतरेगी ऐसी चेतावनी दी गई.