भंडारा (का). कोई बच्चा अगर जाने मत दो उसे, रोको उसे, पीछा करो, जैसे शब्द बोल रहा हो तो यह समझ लेना चाहिए कि वह पब्जी या कंप्यूटर गेम का आदि हो गया है. तहसील के विद्यार्थी ऑनलाइन पाठ्यक्रम के नाम पर पब्जी से इस तरह के जुड़ गए हैं कि उन्हें और कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. पब्जी के कारण बच्चों की मानसिक स्थिति बिगड़ने की संभावना बढ़ गई है.
पालक रखें ध्यान
इसलिए मानसशास्त्र विश्लेषक बारबार यही कह रहे हैं कि माता-पिता अपने बच्चों की ओर ध्यान रखें कि वे ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर क्या कर रहे हैं. मानसशास्त्र विशेषज्ञों का कहना है कि पब्जी तथा मोबाइल गेम्स बच्चों को मानसिक रूप से कुंद कर रहे हैं. इसलिए ऐसे खेलों से बच्चों को बचाना जरूरी है.
लंबा समय कर रहे व्यतित
मंहगे मोबाइल, लैपटॉप का क्रेज इन दिनों बच्चों में खूब बढ़ रहा है. बहुत से विद्यार्थी घंटों मोबाइल तथा लैपटॉप पर समय व्यतित कर रहे हैं. लंबे समय तक ऑनलाइन क्लासेस और उसके बाद मोबाइल के खेल से बच्चों में अकेले रहने, चिड़चिड़े होने तथा वास्तविक जीवन में भी खेल के दृश्यों को कर देखने, जोर जोर से चिल्लाने, आंखें लाल होने से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है.