भंडारा. निलज से कारधा टोलनाका तक शुरू महामार्ग के नर्मिाणकार्य के लिए जलसंधारण विभाग के हद में होनेवाले तालाब के मुरूम उत्खनन को राजस्व विभाग ने मंजूरी दी. किंतु शर्त एवं नियमों का उल्लंघन कर ठेकेदार द्वारा तालाब में अवैध तरिके से मुरूम का उत्खनन किया गया. जिससे तालाब का वद्रिुपीकरण हुआ. सदर मुद्दा जिप. की स्थायी बैठक में गुंज उठा था. इस पर सभाध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सदर मामले की तुरंत जांच करने के आदेश दिए. निलज से कारधा तक महामार्ग का कार्य शुरू है.
केंद्र सरकार के निति अनुसार महामार्ग पर इस्तेमाल होनेवाले मुरूम के लिए तालाब का खुदाई करने के लिए मंजूरी जिलाधिकारी ने दी. इसमें पवनी तहसील के 11 एवं भंडारा के 2 ऐसे कुल 13 तालाबों का मुरूम निकाला जा रहा है. किंतु जिलाधिकारी के नर्दिेश अनुसार ठेकेदार द्वारा खुदाई कार्य अच्छे तरीके से नहीं कर बडे बडे गड्ढे किए गए. जिससे तालाब का वद्रिुपीकरण हुआ. इन गड्ढों में वर्षाकाल के दिनों में पानी जमा होने पर खतरा होने की संभावना है. इस संदर्भ में ओबीसी छावा संग्राम संगठन ने शिकायत की है. इस शिकायत की दखल लेते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जांच के आदेश दिए.
जांच अधिकारी ने काम में बडे पैमाने पर गैर व्यवहार होने का अहवाल दिया. किंतु सदर ठेकेदार पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी. रायल्टी से अधिक मुरूम का उत्खनन किए जाने से सरकार का बडा नुकसान हुआ. इस संदर्भ में जिप. स्थायी समिति की बैठक में जिप. सदस्य सुभाष आजबले ने मुद्दा खडा किया था. इस पर सभी सदस्यों ने जांच करने की मांग रखी. इस पर सभाध्यक्ष ने अधिकारियों को फाईल पर लेकर जांच के नर्दिेश दिए.
पालकमंत्री की कार्रवाई की ओर ध्यान
इस संदर्भ में पालकमंत्री सुनील केदार को निवेदन सौंपने पर उन्होंने इस संदर्भ में सभी कागजात मंगवाए. इस गैर व्यवहार में राजस्व विभाग के साथ जलसंधारण विभाग के अधिकारियों का समावेश है. इस कारण पालकमंत्री की ओर से कौनसी कार्रवाई होती है इस ओर सभी का ध्यान लगा है.