Nap charges Rs 61,200 fine - strict action against rule breakers

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भंडारा. चीनी विषाणु कोरोना के कहर को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की गई तालाबंदी का तीसरा चरण आज समाप्त हो रहा है. देश में विगत 25 मार्च को तालाबंदी शुरु हुई थी, उसी दिन से महाराष्ट्र राज्य में भी तालाबंदी पर अमल शुरु हुआ. तालाबंदी से पहले 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर जनता कर्फ्यू को मिले समर्थन के बाद से ही कोरोना विषाणु के खिलाफ वातावरण बनना शुरु हो गया था. राज्य के अन्य हस्सिों की तरह भंडारा के लोगों ने भी लॉकडाउन में जिला तथा पुलिस प्रशासन को भरपूर सहयोग प्रदान किया.

भंडारा जिले में कोरोना प्रभावित एक भी मरीज तालाबंदी के पहले चरण में नहीं पाया गया, इसलिए रास्तों पर वाहनों की संख्या औसत ही रही. लॉकडाउन के तीसरे चरण के खत्म होने के दो दिन पहले से ही रास्तों पर चलने वाले वाहनों की संख्या में पहले जैसे ही दिखने लगी थी. लॉकडाउन खत्म होने की पूर्व संध्या पर ऑटो रक्शिे तथा राज्य परिवहन महामंडल, टैक्सी के परिचालन को अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन रास्तों पर निजी वाहनचालकों की संख्या को देखकर लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चाएं जरूर शुरू हो गई कि क्या लॉकडाउन खत्म हो गया.

राजीव गांधी चौक, गांधी चौक, मुस्लिम लाइब्रेरी चौक समेत भंडारा शहर के विभन्नि चौकों के रास्तों का अवलोकन करने पर जो चत्रि आंखों के सामने आया, उससे इस बात का एहसास हो गया कि भंडारा के वाहनचालकों को अब कोरोना का कोई खौफ नहीं रह गया है. 17 मई के बाद भंडारा में सब कुछ पहले जैसा ही हो जाएगा, ऐसी भावना अधिकांश वाहन चालकों से बातचीत के दौरान सामने आयी. भंडारा शहर के साथ-साथ पूरे भंडारा जिले में सड़कों की वीरानी अब वाहनों की बढ़ती संख्या में तब्दील होने लगी है.

कोरोना के फैलाव का खतरा अभी-भी टला नहीं है, ऐसे में रास्तों पर ज्यादा संख्या में दौड़ते वाहनों पर अंकुश लगाने की मांग भी जा रही है. राज्य के अन्य जिलों की तुलना में भंडारा जिले के लोगों को कोरोना की तालाबंदी के काल में ज्यादा परेशानी नहीं हुई, लेकिन दूसरे चरण की तालाबंदी के अंतिम दिनों में भंडारा जिले में एक महिला के कोरोना पॉजिटिल पाए जाने से लोगों में इस बात को लेकर भय व्याप्त होने लगा था कि कहीं भंडारा में भी नागपुर के तरह कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या न बढ़ जाए, लेकिन तालाबंदी के तीसरे चरण के समाप्त होने के कुछ दिन पहले ही भंडारा फिर औरेंज जोन से ग्रीन जोन में ही बना रहा.

तालाबंदी के तीसरे चरण के समाप्त होने के एक दिन पहले भंडारा शहर के रास्तों पर जिस तरह से वाहनों की संख्या बढ़ी, उससे इस बात का पता चलता है कि भंडारा के लोगों को अब कोरोना का भय नहीं रह गया है. लगता है कि भंडारा के लोग सावधानी हटी, दुर्घटना घटी, के मूल मंत्र को भूल गए हैं, शायद इसीलिए तालाबंदी के पूरे काल में जहां एक ओर रास्तों पर बिना काम के अपने वाहन लेकर घूमने वालों का जमावड़ा दिखायी दिया तो दूसरी ओर लॉकडाउन खत्म होने कै पहले ही रास्तों पर चलने वाले वाहनचालकों ने यह संदेश दे दिया कि अब उनके मन में कोरोना का भय नहीं रहा.

17 मई को लॉकडाउन के तीसरे चरण की मियाद पूरी हो रही है. 18 मई से लॉंकडाउन का जो चौथा चरण शुरू होने वाला है, उसके बाद भंडारा के बाजार तथा अन्य गतिविधियां कैसी रहेंगी, इस ओर भंडारावासियों की निगाहें लगी हुई हैं. कुछ भंडारावासी यह मानकर चल रहे हैं कि 18 मई से भंडारा शहर के साथ-साथ भंडारा जिले में सब कुछ सामान्य हो जाएगा, जबकि कुछ लोगों को मानना है कि भंडारा को मुख्य धारा में लौटने में अभी वक्त लगेगा.