gujrat fisherman
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साकोली. जिले में मछूआरा समाज बड़ी संख्या में है. ढीमर कहार समाज का पारंपारिक व्यवसाय मछलीमारी है. इसी से उनका जीवनयापन चलता है. सरकारी निर्णय के अनुसार मछूआरों के लिए तालाब की निलामी करते समय इस समाज को प्राथमिकता देनी चाहिए. ऐसा निर्णय रहने के बावजूद भी साकोली पंस द्वारा पैसों की लेनदेन कर नियमबाह्य तरीके से तालाब की नीलामी की जाती है. इस कारण साकोली तहसील के ढिमर कहार समाज पर भूखमरी की नौबत आई है.

दोषियों पर हो कार्रवाई
इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग एकलव्य सेना द्वारा की गई है. जिलाधिकारी से की गई शिकायत में बताया गया कि सरकारी निर्णय के अनुसार तालाब का ठेका देते समय तालाब परिसर में कार्यरत मत्स्य व्यवसाय सहकारी संस्था को तालाब का ठेका देना जरूरी है. ऐसा रहने के बावजूद भी साकोली पंस में सरकारी नियम के खिलाफ काम शुरू है. 

दिया बचत समुह को
साकोली तहसील के पापड़ा बुज का मामा तालाब गुट क्र. 3 से 7 तथा नैनपुर टोला के गांव तालाब गुट क्र. 131 यह तालाब नियम के अनुसार स्थानीय मत्स्य व्यवसाय सहकारी संस्था को नहीं देकर पुरूष बचत समुह को दिया गया. यह बात विस्तार अधिकारी के ध्यान में लाकर देने पर उन्होंने टालमटोल जवाब दिए. इस मामले में जिप को झूठी जानकारी दी. तालाब ठेके पर देते समय अपने मनमर्जी के लोगों को ठेका दिया जाता है. अनेक मत्स्य व्यवसायी सहकारी संस्था द्वारा संबंधित अधिकारियों की शिकायतें की हैं, किंतु अब तक इस मामले की जांच नहीं हुई है. कृष्णा मेश्राम, संजय वाढ़ई, लतीप पठाण, गजानन मेश्राम, मारोती वाढ़ई, सुधीर वाढ़ई, विलास मेश्राम, सुरेश मेश्राम, धनलाल गजभिये, अश्विन वाढ़ई ने की है.