तुमसर. गत अनेक माह से तहसील के गोबरवाही प्राथमिक स्वास्थ्य्य केंद्र में स्थायी स्वास्थ्य अधिकारी नहीं होने से परिसर के ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इलाज के अभाव में कई बार मरीजों को अकाल मौत के मुंह में समाना पड़ता है. गोबरवाही कि पूर्व सरपंच कृष्णकांत बघेल ने जिला स्वास्थ्य्य अधिकारी से भेंट कर स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी अधिकारी एवं सहायक अधिकारी की नियुक्ति करने की मांग की है.
1962 में हुई स्थापना
उन्होंने निवेदन में कहा कि गोबरवाही का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यह तुमसर तहसील का प्रथम स्वास्थ्य केंद्र है. इसकी स्थापना वर्ष 1962 में हुई थी. इस स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत 28 गांवों का समावेश है. गोबरवाही गांव परीसर का केंद्र स्थल होकर यहां सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में निजी अस्पतालों में गम्भीर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. ऐसी स्थिति में सरकारी अस्पताल ही एकमात्र पर्याय है.
मंजूर हैं 2 पद
गोबरवाही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक अधिकारियों के 2 पद मंजूर हैं, लेकिन वर्तमान में येरली उपकेंद्र की अधिकारी डा. पाटिल को गोबरवाही का प्रभार सौंपा गया है. इस कारण उनके माध्यम से रोजाना मरीजों को सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. वैसे ही यहां सहाय्यक स्वास्थ्य अधिकारी पद भी रिक्त है.
खाली था सिलेंडर
स्थानीय अस्पताल की दयनीय अवस्था है. क्षेत्र के पवनारखारी में 11 मई को 2 नाबालिग भाई मवेशियों को पानी पिलाते हुए डूब गए थे. उन्हें इलाज के लिए गोबरवाही के स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था. तब एक की मॄत्यु हो गई थी, लेकिन दूसरा भाई जीवित था. उस दौरान प्रभारी चिकित्सक उपस्थित नहीं थीं. तब उपकेंद्र की चिकित्सक अधिकारी डा. किंडरले ने सबंधित बालक को ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का प्रयास किया तो सिलेंडर खाली था. इसके बाद बालक को तुमसर के उपजिला अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन अस्पताल पंहुचने के पूर्व ही बालक ने दम तोड़ दिया था. यदि समय पर बालक का उचित इलाज होता तो उसे बचाया जा सकता था.