Locust teams encamped in Jhansi and surrounding areas

  • रातम का समय लाभदायक

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भंडारा (का). टिड्डी दल के प्रादुर्भाव को रोकने के लिए दवा का छिड़काव करना ही सबसे अच्छा उपाय है. दवा का छिड़काव अगर रात के समय किया जाए तो वह ज्यादा अच्छा होता है. क्योंकि रात के समय टिड्डी दल फसलों तथा वृक्षों पर विश्राम करते हैं. दवा छिड़काव के अलावा किसी अन्य साधन से टिड़्डी पर नियंत्रण करने में ज्यादा वक्त लगता है.

कृषि विभाग कर रहा जनजागृति
भंडारा का कृषि विभाग टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए पूरी तरह से सतर्क हो गया है और टिड्डी दल से बचाव के बारे में जनजागृति कर रहा है. नागपुर जिले के काटोल तहसील तथा वर्धा जिले की आष्टी तहसील में टिड्डी दल सक्रिय है. काटोल तहसील के फेटरी, खानगांव क्षेत्रों के साथ ही आमनेर गोंदी क्षेत्र में भी टिड्डी दल का प्रादुर्भाव होने से इस क्षेत्र के किसानों का चिंता बढ़ गई है. 12 से 16 किमी की रफ्तार से उड़ने वाले टिड्डी दल बड़ी तेजी से फसलों को बर्बाद कर देते हैं.

खेतों में करें धुआं, ड्रम बजाए
कृषि विभाग के अनुसार टिड्डी दल से बचने के लिए किसान अपने खेत में धुआं करें, ड्रम बजाकर आवाज करने से ही यह दल भाग जाता है. अगर इसके बाद भी जरूरी हुआ तो किटनाशक की छिड़काव करना जरूरी है. टिड्डी दल पर नियंत्रण पाने के लिए ट्रैक्टर आपरेटेड स्प्रेयर तथा अग्निशमन दल के पंप से क्लोरोपायरिफॉंस 80 लीटर कीटनाशक का छिड़काव काटोल परिक्षेत्र में किया गया. कृषि विभाग के अधिकारियों की ओर से क्षेत्रीय स्तर पर मुलाकात कर रहे हैं और वे इस बारे में किसानों की अपनी ओर से जागरूक भी कर रहे हैं. टि़ड्डी दल का प्रभाव अगर ज्यादा हो तो कीटनाशक दवा की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए.