Millions of rotting vegetables, complete lockdown of 3 days could not result in movement

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पालांदूर. भोजन की थाली में अगर सब्जी न हो तो वह अधूरी होती है. मंहगी होने के कारण जो सब्जी आम व्यक्ति के खाने की थाली में नहीं दिखायी देती थी, वह सब्जी अब सर्वसामान्य लोगों की थाली में दिखायी देने लगी है. जो सब्जी दशहरे, दीपावली पर आसमानी तेजी थी, वह सब्जी अब सस्ती हो गई है. सब्जी सस्ती होने से ग्राहकों में प्रसन्नता की लहर दौड़ पड़ी है. भाव कम होने के कारण बाजार में सब्जी के खरीदारों की संख्या में भी हर दिन वृद्धि हो रही है.

पिछले 6 माह से सब्जी की दर में तेजी देखी जा रही थी, लेकिन अब ठंड की दस्तक के साथ ही सब्जियों के दर में कमी हो रही है. बीटीबी सब्जी मंडी में बैंगन का भाव 8 से 10 रूपए किलो बोला गया. जबकि लौकी, चवली 5 रूपए किलो बोली गई. इसी तरह टमाटर 18 से 20 रूपए, मिर्च 20 से 22 रूपए, शिमला मिर्च 15 से 20 रूपए, धनिया 20 रूपए, फुल गोभी 10-12 रूपए, मटर फल्ली 30 रूपए प्रति किलो बोले गए.  इस सभी सब्जियों की तरह ही मेथी के भाव में भी कमी दर्ज की गई.

हरी तथा मटरयुक्त सब्जियों की दर की तुलना में आलू का भाव तेज रहा, यह 50 रूपए प्रति किलो बोला गया, जबकि प्याज 60 रूपए प्रति किलो बोला गया. मिर्ची के भाव में 20 रूपए की कमी हुई है ऐर यह 60 रूपए प्रति किलो बोली जा गई. पिछले कुछ माह से सब्जी के भाव में बहुत तेजी देखी गई थी. टमाटर 80 रूपए, बैंगन 50 रूपए तो मिर्ची 100 रुपए प्रति किलो बोली गई. ठंड के साथ ही सब्जी के भाव में कमी आने की वजह से खरीदारों के चेहरे पर प्रसन्नता देखी जा रही है. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में भाव में और कमी आएगी.