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भंडारा (का). सामान्य लोगों की सवारी कही जाने वाली लाल परी 100 दिनों के अंतराल के बाद जब चलने के लिए तैयार हुई तो यात्रियों की ओर से उसका जबर्दस्त स्वागत किया गया. 25 मार्च को की गई तालाबंदी के बाद से लाल परी लोगों की आखों से ओझल हो गई थी, वह 1 जुलाई से फिर रास्तों पर दिखायी देने लगी है.

पालांदूर के सरपंच पंकज रामटेके ने पालांदूर से भंडारा से बस लाखनी मार्ग से होते हुए शुरु करने की मांग की थी. डिपो प्रमुख ने स्थिति को ध्यान में रखते हुए पालांदूर से भंडारा मार्ग बस सेवा शुरु की. यह बस फेरी तीन बार की होगी. पालांदूर बस स्थानक पर वरष्ठि नागरिक दामा जी खंडाईत की मुख्य उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर लाल परी को गंतव्य की ओर रवाना किया. 

कार्यक्र्म में उप सरपंच हेमराज कापसे, सद्स्य तुकडोजी खंडाईत, भरत घरडे, साकोली डिपो के यातायात नियंत्रक एकनाथ शहारे, तंटामुक्त समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम भुसारी, ग्राम पंचायत के लिपिक राधेश्याम पाथरे, प्राध्यापक गोपाल  तलमले, ईस्माइल शेख, माधव शेंडे, यादवराव जांभूलकर गणेश निपाने आदि उपस्थित थे.