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     तुमसर . गत कुछ दिनों से क्षेत्र में रुक-रुककर हो रही बारिश से खेती करने वाले किसानों में मायूसी छा गई है.  बारिश से खेत पानी से भर गया है. इससे किसान धान की बीजों की बुआई खेतो में नहीं कर सके हैं.  बुआई को लेकर किसानों में चिंता गहराने लगी हैं.

    अन्यथा धान की खेती में पिछड़ जाएंगे

    धान के बीजों के लिए तैयार किए गए खेतों में पानी लबालब भरा है. बारिश के कारण धान के बीज डालने के लिए जमीन तैयार होने में एक सप्ताह तक समय लग सकता है. ऐसे में यदि बारिश रुक भी जाती है तो खेतों की नमी कम होने में समय लग जाएगा. तब तक काफी देर हो जाएगी. इस बीच धान की खेती पिछड़ जाएंगी.

    बुधवार को भी दोपहर बाद बारिश हुई. हालांकि यह बारिश धान की खेती करने वाले किसानों के लिए अमृत की तरह है. इस बारिश से जिन किसानों के धान के परहे तैयार हो गए हैं. उन्होंने धान की रोपाई शुरू भी कर दी है. 

    निचले इलाकों की खेती को नुकसान

    निचले इलाकों के किसान जो देरी से धान के बीज डाले हैं उनके लिए भी यह बारिश आफत बनकर आयी है. खेतों में पानी जमा होने से धान के परहे गलकर बर्बाद हो रहे हैं. यदि शीघ्र बारिश बंद नहीं होती है तो किसानों को दुबारा बिजाई डालनी पड़ सकती है. क्षेत्र में बहोत से किसानों ने अब तक खेती में धान की बिजाई डाली गई नहीं है. वे खेती सूखने का इंतजार कर रहे हैं.