Bhandara Roads Potholes

  • प्रशासन जनप्रतिनिधि दिखाए गंभीरता

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भंडारा. भंडारा जिले में सडकों का जिस कदर बूरा हाल है, शायद ही कहीं ओर मिले. राष्ट्रीय महामार्ग क्र. 6 एवं नवनिर्मित भंडारा मनसर पहुंच राष्ट्रीय महामार्ग छोड दिया जाए तो सकडों में बने गड्ढों से बचते बचाते निकलना किसी चुनौती को पूरा करने से कम नहीं है. भंडारा जिले के सभी सडकों की स्थिति का पालकमंत्री एवं जिला प्रशासन का जायजा लेकर मरम्मत के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.

अवैध रेत ढो रहे भारी भरकम टीप्परों ने जहां एक ओर राज्य मार्गों का हुलिया बदलकर रख दिया है. वहीं दूसरी ओर शहर एवं गावों के अंदरूनी सडकों की हालत का जिम्मेदार उनका घटीया निर्माण रहा है. जो साल दो साल में अंतिम सांसे गिनने लगती है. वहीं दूसरी ओर बिडंबना है कि कुछ सडकों पर आज तक सिमेंट की पहली परत भी नसीब नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर बिल निकलने के चक्कर में पहली परत पर दूसरी, फिर तीसरी परत चढा दी जाती है. वहीं पर भी सालभर में गढ्डे हो जाते है. जो वाहनचालकों की परीक्षा लेते है एवं छोटी बडी दुर्घटनाओं को कारण बनते है.

स्थानिय प्रशासन भी लाफरवाह
जिले के शहर एवं गावों में सडकों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए. लेकिन यह काम संबंधित जनप्रतिनिधि की रूची के हिसाब से होता है. इस वजह से ऐसे कई वार्ड है, जहां नए रोड निर्माण की गुंजाईश ही नहीं बची है. लेकिन बिल एवं मेरे प्रभाग में काम करने का चुनाव दावा पूरा करने के लिए सडक पर सडक बना दी जाती है. सिमेंट की पतली लेअर से काम चलाया जाता है. लेकिन संबंधित जनप्रतिनिधि एवं ठेकेदार को लाचच भारी पडता एवं सडके से गिट्टी निकलनी शुरू हो जाती है.

जिले में कई मामले ऐसे भी है, जहां लंबे समय से काम ही नहीं हुआ है. मिसाल के तौर पर भंडारा शहर के म्हाडा कालोनी परिसर में सडको में बने गढ्ढों का विस्तार एवं गहराई वाहनचालकों को भयभित करने के लिए काफी है. सूरज की रोशनी में राह निकल भी जाए, लेकिन रात की रोशनी में गाडी हांकना किसी कसरत से कम नहीं है. लोगों की असुविधा का अंदाजा स्थानिक प्रशासन को भी है. परिसर के जागरूक नागरिकों द्वारा समय समय पर अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को इस बारे में सूचित भी किया जाता है. लेकिन हकिकत यही है कि सडकों की मरम्मत का मुहूर्त नहीं निकल पाया है.

भंडारा वरठी मार्ग की बदकिस्मती
भंडारा जिले में राज्य मार्ग में चुनिंदा सर्वाधिक महत्वपूर्ण मार्गों में भंडारा वरठी रोड का समावेश होता है. इस रोड पर विगत कई सालों से गुणवत्तापूर्ण काम नहीं हुआ है. इस वजह से इस सडक पर दुर्घटनाएं का अंदेशा कई गुना तक बढ गया है. इस स्थिति भंडारा तुमसर, भंडारा पवनी, पवनी लाखांदुर मार्ग पर है. जहां कहीं कहीं मरम्मत की आवश्यक्ता बनती है.

अंतर्गत सडकों को मिले वरियता
राज्य एवं राष्ट्रीय महामार्ग अक्सर चर्चा में रहते है. लेकिन शहर एवं गाव की अंतर्गत सडकों की दुदर्शा का अधिक चर्चा नहीं होता. इसकी त्रासदी एवं पीडा भुक्तभोगी तक ही सीमित रहती है. जबकि सर्वाधिक यातायात इन्ही छोटी सडकों पर होता है, जो मुहल्लों को आपस में जोडता है, आम इंसान के रोजमर्राह के काम में यही सडक उपयोगी होती है. सूरज ढलने के बाद इस सडकों पर उरतना का काफी खतरनाक हो जाता है. कहीं कहीं गड्ढों में घुटनों तक पानी, पथरीली जमीन, जमा हुआ कीचड से राह निकालना लगभग नामुमकिन हो जाता है.

प्रशासन जनप्रतिनिधि ले जायजा
जैसे जैसे बरसात का मौसम आगे बढ रहा है. बारिश सडकों की कडी परीक्षा ले रही है. नागरिकों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. इसलिए यह आवश्यक हो चुका है कि हमारे जनप्रतिनिधि, बडे अधिकारी भी जिन सडकों से गुजरते है. वे गंभीरता से विचार करें एवं उन सडकों के कायाकल्प की योजना बनाएं.