Patole meeting

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भंडारा (का). दोषयुक्त तथा निकृष्ट बीज, खाद तथा फसल बीमा के संदर्भ से जुड़ी समस्याओं से किसानों को हर वर्ष जूझना पड़ता है. किसानों को इन समस्याओं से स्थायी रूप से निज़ात दिलाने के लिए भारतीय संविधान की धारा 323बी (2) (जी) के आधार पर न्यायिक तथा जिला स्तर पर कृषि न्यायालय स्थापित करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण चर्चा विधानभवन (मुंबई) में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले तथा कृषि मंत्री,दादा जी भुसे की प्रमुख उपस्थिति में हुई बैठक में की गई. अगर कृषि न्यायालय की स्थापना हुई तो न्यायिक, जिला स्तर पर कृषि न्यायालय स्थापित करने के मामले में  महाराष्ट्र देश का पहिला राज्य होगा.

कृषि न्यायालय के कारण किसानों की समस्याओं का निराकारण करने में आसानी होगी, ऐसा विश्वास विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने इस दौरान व्यक्त किया.विधानमंडल (मुंबई) में भारतीय संविधान की धारा 323 बी(2) (जी) के आधार पर किसानों के हितों के लिए न्यायालय स्थापित करने के लिए आयोजित की गई उच्चस्तरीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने उक्त उद्गार व्यक्त किए.

बैठक में कृषि सचिव एकनाथ डवले की अध्यक्षता में विधि व न्याय विभाग के अधिकारी तथा विशेषज्ञों की समिति की स्थापना की जाए, इस समिति ने 15 दिनों के अंदर इस संदर्भ में प्रारूप तैयार करें ऐसे निर्देश भी विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने दिए.  प्रारुप तैयार करके समय सभी ओर से, मुद्दों के बारे में गहन विचार- विमर्श किया जाए, ऐसे निर्देश भी  कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने दिए.

बीज, खाद तथा फसल बीमा के लिए पृथक न्यायालय, जिला स्तर पर कृषि न्यायालय स्थापित करके किसानों की समस्याएं जल्दी से जल्दी हल होंगी, ऐसा विश्वास भी विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले तथा कृषि मंत्री दादा जी भुसे ने जताया. बैठक में राज्य के कृषि मंत्री दादा जी भुसे, विधायक नरेंद्र भोंडेकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, कृषि विभाग के सचिव एकनाथ डवले, कृषि विभाग के आयुक्त धीरज कुमार, विधानमंडल के सचिव राजेंद्र भागवत, विधि व न्याय विभाग के भूपेंद्र गुरव, किसान कामग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष देवानंद पवार, डॉ संजय लाखे-पाटिल के साथ-साथ अन्य मान्यवर उपस्थित थे.